यह भी पढ़ें : Bijapur Naxal Attack : IED ब्लास्ट से घायल जवानों की हालत गंभीर,एयरलिफ्ट कर भेजा रायपुर Durg Education Information: कॉलेज को यह रैंकिंग 50 से अधिक पेटेंट, 314 से ज्यादा इंटरनेशनल रिसर्च पेपर, 18 स्टार्टअप, विभिन्न शोध कार्य के लिए 5 करोड़ का डीएसटी अनुदान जैसे मापदंडों पर खरा उतरने के लिए दी गई है। इसके अलावा इनोवेशन रैंकिंग में प्रदेश का कोई भी संस्थान शामिल नहीं हो पाया है। प्रदेशभर के कॉलेजों ने इस रैंकिंग में हिस्सा लिया था, जिसमें रूंगटा इंजीनियरिंग को टॉप-101 से 150 कॉलेजों की श्रेणी में रखा गया। प्रदेश के अन्य सभी शिक्षण संस्थान क्वालिफाई नहीं कर पाए।
एमडीआरए में भी मिल स्थान हाल ही में मशहूर सर्वे एजेंसी एमडीआरए ने 14 विषयों के 1302 कॉलेजों का सर्वे कराया, जिसमें कॉलेजों की खूबियां, फीस, इंफ्रास्ट्रक्चर, रिचर्स, बिजनेस इन्क्यूबेशन, प्लेसमेंट जैसे पहलूओं को बारीकी से परखने के बाद सभी की रैंकिंग तय की गई।
यह भी पढ़ें :इस तरह से शासकीय कर्मचारी ने लगाया लाखों रुपए का चूना, पुलिस ने किया गिरफ्तार यहां भी रूंगटा इंजीनियरिंग कॉलेज ने अपनी काबिलियत दिखाई और देश के टॉप-100 इंजीनियरिंग कॉलेजों में शामिल हुआ। वहीं पिछले साल हुई एनआईआरएफ रैंकिंग में रूंगटा आर-1 कॉलेज ऑफ फार्मास्युटिकल साइंस ने कीर्तिमान रचते हुए देश के टॉप-सौ फार्मेसी कॉलेज की रैंकिंग में जगह बना ली।
इसलिए जरूरी एनआईआरएफ एनआईआरएफ रैंकिंग का मकसद उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करना है, ताकि छात्रों को बेहतर संस्थान चुनने में मदद मिल सके। इस रैंकिंग के जरिए सर्वश्रेष्ठ कॉलेजों की पहचान होती है, वहीं शिक्षण संस्थानों को खुद की कमियों को दूर करते हुए उसमें सुधार करने का मौका दिया जाता है।
यह भी पढ़ें :CG Crime : जहां दो युवकों को मारा था चाकू, वहीं पर बदमाशों को कान पकड़वा कर पुलिस ने पैदल घुमाया साल 2018 से देशभर के सभी तकनीकी, गैर तकनीकी व चिकित्सकीय शिक्षण संस्थानों को एनआईआरएफ की रैंकिंग में हिस्सा लेना अनिवार्य कर दिया गया है।