प्रदेश के तीनों शासकीय इंजीनियरिंग कॉलेज और पॉलीटेक्निक के विद्यार्थियों से प्रवेश के दौरान ही नामांकन शुल्क सौ रुपए ले लिया जाता है। जीईसी के विद्यार्थियों को अलग से ऑनलाइन जाकर नामांकन शुल्क जमा करने की जरूरत नहीं होती है। अब सवाल उठ रहा है कि इन विद्यार्थियों ने नए नामांकन शुल्क की वसूली कैसे होगी। क्या जीईसी में पढऩे वाले विद्यार्थियों को नामांकन के लिए 2400 रुपए का अतिरिक्त भुगतान करना होगा।
विद्यार्थियों पर सिर्फ नामांकन शुल्क बढ़ोतरी की मार नहीं पड़ेगा, बल्कि विवि ने चार नए शुल्क भी साथ जोड़ दिया है। विद्यार्थियों को यूनिवर्सिटी डवलपमेंट फीस के 500 रुपए चुकाने होंगे। विवि में खुद व्यवस्थित लाइब्रेरी है न ही ई-लाइब्रेरी जैसी व्यवस्था। बावजूद इसके प्रत्येक विद्यार्थी को दो हजार रुपए लाइब्रेरी शुल्क विवि को देना होगा। इंजीनियरिंग व अन्य विषयों के विद्यार्थियों को ट्रेनिंग और प्लेसमेंट कॉलेज उपलब्ध कराएंगे, लेकिन फीस 125 रुपए प्रत्येक विद्यार्थी विवि के खातों में जमा होगी। एक रुपए स्टूडेंट्स वेलफेयर फंड के नाम पर लिया जाएगा।
इस बढ़ोतरी के बाद यह विवि सालाना आठ करोड़ रुपए अतिरक्त कमाएगा, लेकिन इससे विद्यार्थियों पर बोझ बढ़ जाएगा। बीते साल तो राजभवन की दखल के बाद कुलाधिपति ने विवि के नए नामांकन शुल्क पर रोक लगा दी थी, लेकिन इस साल के लिए कोई आदेश नहीं मिले हैं।
सीएसवीटीयू इस फैसले के बाद प्रदेश का इकलौता विवि बन जाएगा, जिसमें विद्यार्थियों से 2500 रुपए नामांकन के लिए चार्ज होंगे। अन्य विवि में यह राशि अब भी सौ रुपए ही है। डॉ. केके वर्मा, रजिस्ट्रार, सीएसवीटीयू ने बताया कि राजभवन ने बीते साल नामांकन शुल्क सौ रुपए ही लेने के लिए कहा था, लेकिन इस साल कोई आदेश नहीं आया है। इसलिए नवप्रवेशित विद्यार्थियों को बढ़ी हुई नामांकन फीस 2500 रुपए अदा करनी होगी। जीईसी के विद्यार्थियों से सौ रुपए लिया गया है। यदि आदेश यथावत रहता है तो उनको भी 2400 रुपए नामांकन के लिए अतिरिक्त देने होंगे।