इसका खुलासा नेशनल क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट में हुआ है। बलात्कार, अपहरण, हत्या, हत्या के प्रयास, लूट जैसे मामलों में बढ़े हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने वर्ष 2022 की रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ में खेती से जुड़े मजदूरों की आत्महत्या में वृद्धि हुई है। कृषि प्रधान राज्य में खेतिहार मजदूरों की आत्महत्या के आंकड़े चौंकाने वाले हैं। आत्महत्या करने वालों में महिला मजदूर भी शामिल हैं।
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में आत्महत्या करने वाले खेतिहर मजदूरों में 322 पुरुष और 61 महिलाएं शामिल हैं। जबकि अपनी जमीन पर खेती करने वाले 88 किसानों ने भी आत्महत्या की है। लीज पर जमीन लेकर खेती करने वाले 25 लोगों ने आत्मघाती कदम उठाया है। छत्तीसगढ़ में गंभीर अपराध पिछले साल की तुलना में 29.5 फीसदी बढ़े हैं। वर्ष 2020 में गंभीर अपराध के 8033 मामले दर्ज हुए थे। वहीं 2021 में 8458 मामले दर्ज हुए थे। वर्ष 2022 में 8848 गंभीर अपराध रजिस्टर हुए हैं।
दो राज्यों के आंकड़े मध्यप्रदेश मध्यप्रदेश में 549 खेतिहार मजदूर व 82 किसानों ने आत्महत्या की है। लीज पर खेती करने वाले 10 किसानों ने भी खुदकुशी की है। राजस्थान राजस्थान में आत्महत्या करने वाले खेतिहार मजदूरों की संख्या 239 है। वहां किसी किसान या लीज पर खेती करने वाले ने आत्महत्या नहीं की है।
इन वजहों से बढ़ी हत्याएं वर्ष 2022 एनसीआरबी की रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ में तीन साल की तुलना में पिछले साल 1 हजार 013 हत्याएं दर्ज की गई है। जिसमें हत्या मामले में अलग-अलग क्राइटेरिया है। प्रेम प्रसंग और अवैध संबंधों को लेकर की गई हत्याएं भी हैं। इसमें 54 प्रेम प्रसंग और 65 अवैध संबंध के मामले शामिल हैं। सीरियल किलर-2, मामूली विवाद-278, संपत्ति विवाद- 64, पारिवारिक विवाद- 128, पैसे को लेकर-20, ब्लाइंड मर्डर- 42 और हत्या के अन्य कारण 430 मामले शामिल है।
छत्तीसगढ़ में वर्ष 2022 में दर्ज प्रकरणों के आंकड़े हत्या- 1013 हत्या का प्रयास- 753 बलात्कार- 1246 अपहरण- 2740 लूट – 495 टॉपिक एक्सपर्ट किसानों के लिए खेत पर कर्ज देने का प्रवधान है, लेकिन खेतिहर मजदूरों के लिए एक साल में 8 हजार रुपए है। भाजपा ने 12 हजार रुपए देने का वादा किया है। आत्महत्या का सबसे बड़ा कारण है कि कम आमदनी और बाजार में महंगाई है। परिवार का खर्च चलाने में परेशानी है। यह लोग किसानों पर आश्रित होते हैं। इसमें किसानों की आमदनी बढ़ेगी तो खेतिहर मजदूरों को काम और पैसा ज्यादा मिलेगा। -राजकुमार गुप्ता संयोजक,छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन
सालभर में अपहरण और फिरौती के 2740 मामले एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल छत्तीसगढ़ में अपहरण और फिरौती के 2740 प्रकरण दर्ज हुए हैं। सबसे अधिक मामले रायपुर जिले के हैं। वहीं सबसे कम बीजापुर जिले में 17 मामले हैं।
सबसे अधिक अपहरण और फिरौती के मामले रायपुर- 438 दुर्ग- 261 बिलासपुर-185 जांजगीर- 170 कोरबा- 130 रायगढ़ – 126 सबसे कम अपहरण और फिरौती के मामले बीजापुर- 17
सुकमा – 19 दंतेवाड़ा – 28 मानपुर मोहला- 35