कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन को कारगार माना गया है। लेकिन संक्रमण दर में कमी आने के बाद टीकाकरण को लेकर लोग रूचि नहीं ले रहे हैं। जिले में इसका प्रतिकूल असर दिखने लगा है। विगत दिनों मिले 48 नए संक्रमित मरीजों में महत्वपूर्ण बात यह है कि इनमें से 40 लोगों ने कोरोनारोधी टीका ही नहीं लगवाया है। जिला अस्पताल दुर्ग के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गंभीर सिंह ठाकुर ने बताया कि विगत दिनों नए मिले 48 संक्रमित मरीजों( 20 से 26 अक्टूबर तक) में से सिर्फ आठ लोगों ने ही वैक्सीन का पहला डोज लिया है। शेष 40 लोगों ने कोरोना से बचाव का टीका ही नहीं लगवाया है। इससे साफ है कि कोरोना संक्रमण का असर उन पर हो रहा है जिन्होंने टीका लगवाने में उदासीनता दिखाई है या दूसरा डोज लेने में आनाकानी करने लगे हैं। कोरोना से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में 12 लाख 44 हजार 628 हितग्राहियों को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
दुर्ग जिले में 28 अक्टूबर तक 15.26 लाख हितग्राहियों ने कोविड का टीका लगवा लिया है। जिसमें 10.08 लाख लोगों ने प्रथम और 5.18 लाख लोगों ने दूसरी डोज का टीका लगवाया है। जिले में कोविड टीकाकरण के प्रथम डोज को शत प्रतिशत पूरा करने के लिए मितानिन डोर-टू-डोर सर्वे भी आरंभ करेंगी। शहरी क्षेत्रों में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया जाएगा। शहर से लेकर गांव तक वार्डों में घूम-घूम कर 2300 से अधिक मितानिन की मदद से कोविड वैक्सीन से छूटे हुए लोगों को प्रथम व दूसरी डोज लगवाने को हितग्राहियों को प्रेरित किया जाएगा।