जानकारी के मुताबिक विभाग ने विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति देने ऑनलाइन आवेदन जमा करने के निर्देश दिए थे। पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की पात्रता रखने वाले विद्यार्थियोंं के आवदेनों की जांच में खुलासा हुआ कि कई छात्रों ने पिता के आय को छिपाते हुए निर्धारित सीमा की आय प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया है। जांच में आय अधिक होने पर विशेष जांच समिति ने आवेदन को अपात्र की श्रेणी में रखा था। जांच रिपोर्ट के आधार पर आदिम जाति कल्याण विभाग ने कुल १४० आवेदन को निरस्त कर दिया इसमें पिछले वर्ष के ७० और चालू वर्ष के ७० आवेदन शामिल है।
छात्रवृत्ति पात्रता है कि नहीं इसकी जांच के लिए अलग से टीम गठित गई है। जिसमें भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी दुर्ग डॉ. एमडी पाण्डे, एसोसिएट प्रोफेसर (गणित), डॉ. सुमीत तिवारी प्रोफेसर (फिजिक्स) और डॉ. संजय साहू प्रोफेसर (इलेक्ट्रिकल) समिति के सदस्य है।
1.विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत पिता के आय में जीएसटी कटौती आयकर विवरण से मिलान कर आय का परीक्षण किया गया।
2.विद्यार्थियों के पालक शासकीय-अशासकीय सेवा में है उनके वेतन का विवरण के आधार पर परीक्षण किया गया।
3.जिन विद्यार्थियों के पालक कृषक है उनसे मोबाइल से बात कर प्रस्तुत आय प्रमाण पत्र का परीक्षण किया गया।
4.विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत आय प्रमाण में उनके पालक द्वारा दिए गए शपथ पत्र का परीक्षण किया गया।
5.विद्यार्थियों द्वारा महाविद्यालय में प्रवेश के समय भरे गए फार्म में दिए गए विवरण और प्रश्न पूछ कर आय का परीक्षण किया गया।
2016 -17 494 424
2017-18 398 328