कलेक्टर ने किया इंग्लिश मीडियम स्कूलों को दौरा
हालांकि स्कूल खुलेंगे या नहीं और खुलेंगे तो भी किन शर्तो पर खोले जाएंगे इसका खुलासा नहीं हुआ है,लेकिन दुर्ग में इसकी तैयारी शुरू होने लगी है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे इन दिनों अंग्रेजी माध्यमों के स्कूलों का दौरा कर रहे हैं और वहां बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं का भी जायजा ले रहे हैं। खासकर इस वर्ष जिले के कई स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम में 12 वीं तक की कक्षाएं लगाई जानी है।
हालांकि स्कूल खुलेंगे या नहीं और खुलेंगे तो भी किन शर्तो पर खोले जाएंगे इसका खुलासा नहीं हुआ है,लेकिन दुर्ग में इसकी तैयारी शुरू होने लगी है। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भूरे इन दिनों अंग्रेजी माध्यमों के स्कूलों का दौरा कर रहे हैं और वहां बच्चों को दी जाने वाली सुविधाओं का भी जायजा ले रहे हैं। खासकर इस वर्ष जिले के कई स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम में 12 वीं तक की कक्षाएं लगाई जानी है।
निजी स्कूलों को भी इंतजार
अधिकारियों का कहना है कि अगर 15 अक्टूबर के बाद स्कूल खुलते हैं तो स्कूल आने वाले छात्रों को पालकों की अनुमति लिखित में जमा करनी होगी। वहीं स्कूल को भी सेनिटाइजेशन से से लेकर सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना होगा। इधर निजी स्कूल संचालक भी राज्य शासन के सकारात्मक निर्णय का इंतजार कर रहे हैं। केन्द्र शासन ने 21 सितंबर से ही स्कूलों में 50 फीसदी शिक्षक को बुलाने के साथ ही ऑनलाइन क्लास के साथ-साथ बच्चों को होने वाली दिक्कतों को दूर करने कुछ देर स्कूल आने की परमिशन भी दी है,लेकिन छत्तीसगढ़ में चल रहे लॉकडाउन के कारण यहां के स्कूलों ने यह सुविधा शुरू नहीं की है। डॉ. आलोक शुक्ला, शिक्षा सचिव, छत्तीसगढ़ शासन रायपुर ने बताया कि केन्द्र से गाइडलाइन आने के बाद स्कूल खोलने को लेकर प्रस्ताव बनाकर दिया गया है। इस पर शासन का निर्णय ही अंतिम होगा। बाकी विभाग ने अपनी ओर से सुझाव रखे हैं।
अधिकारियों का कहना है कि अगर 15 अक्टूबर के बाद स्कूल खुलते हैं तो स्कूल आने वाले छात्रों को पालकों की अनुमति लिखित में जमा करनी होगी। वहीं स्कूल को भी सेनिटाइजेशन से से लेकर सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना होगा। इधर निजी स्कूल संचालक भी राज्य शासन के सकारात्मक निर्णय का इंतजार कर रहे हैं। केन्द्र शासन ने 21 सितंबर से ही स्कूलों में 50 फीसदी शिक्षक को बुलाने के साथ ही ऑनलाइन क्लास के साथ-साथ बच्चों को होने वाली दिक्कतों को दूर करने कुछ देर स्कूल आने की परमिशन भी दी है,लेकिन छत्तीसगढ़ में चल रहे लॉकडाउन के कारण यहां के स्कूलों ने यह सुविधा शुरू नहीं की है। डॉ. आलोक शुक्ला, शिक्षा सचिव, छत्तीसगढ़ शासन रायपुर ने बताया कि केन्द्र से गाइडलाइन आने के बाद स्कूल खोलने को लेकर प्रस्ताव बनाकर दिया गया है। इस पर शासन का निर्णय ही अंतिम होगा। बाकी विभाग ने अपनी ओर से सुझाव रखे हैं।
यहां कोचिंग संचालक पहुंचे कलेक्टर के पास
कोविड-19 की वजह से 6 महीने से बंद कोचिंग क्लास के संचालकों और टीचर्स ने शनिवार को कलक्टर डॉ. सर्वेश्वर भूरे से मुलाकात कर कोचिंग को खोलने की अनुमति मांगी। कोचिंग संचालकों ने बताया कि 6 महीने से उनकी आर्थिक स्थिति तो खराब हो गई है,साथ ही छात्रों का भी भविष्य संकट में जा रहा है। 80 फीसदी छात्र ऑनलाइन क्लास में नहीं आना चाहते। वहीं क्लास बंद होने की वजह से कई टीचर भी बेरोगजार हो गए हैं।
कोविड-19 की वजह से 6 महीने से बंद कोचिंग क्लास के संचालकों और टीचर्स ने शनिवार को कलक्टर डॉ. सर्वेश्वर भूरे से मुलाकात कर कोचिंग को खोलने की अनुमति मांगी। कोचिंग संचालकों ने बताया कि 6 महीने से उनकी आर्थिक स्थिति तो खराब हो गई है,साथ ही छात्रों का भी भविष्य संकट में जा रहा है। 80 फीसदी छात्र ऑनलाइन क्लास में नहीं आना चाहते। वहीं क्लास बंद होने की वजह से कई टीचर भी बेरोगजार हो गए हैं।
भिलाई-दुर्ग के कोचिंग एसोसिएशन के सदस्यों का कहना है कि जब मार्केट, सिनेमाघर, जिम, रेस्टोरेंट और अन्य चीजें ओपन कर दी गई है और उनके लिए गाइडलाइन भी तय की गई है तो कोचिंग को क्यों बंद रखा गया है। जबकि कुछ महीनों के बाद बोर्ड परीक्षाएं भी होगी। इस वर्ष स्कूल नहीं लगने की वजह से पालक भी बच्चों की पढ़ाई को लेकर काफी चिंतित है। कोचिंग संचालकों ने कहा कि वे शासन की गाइडलाइन का पालन कर सुरक्षित रूप से कोचिंग का संचालन करना चाहते हैं, ताकि इससे जुड़े लोगों की रोजी-रोटी भी चलती रहे।