CG Scholarship: बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और कम्प्यूटर एप्लीकेशन की फील्ड में बेटियों की भागीदारी बढ़ाने के लिए छात्राओं को स्कॉलरशिप दी जाएगी। इसकी शुरुआत इसी साल से होने जा रही है। भिलाई-दुर्ग के बड़े कॉलेजों में बीसीए और बीबीए कोर्स संचालित है, जिसमें छात्राओं की बड़ी संख्या रहती है।
इनके अलावा बहुत सी छात्राएं ऐसी भी होती है, जो बीबीए और बीसीए ( BCA/BBA Scholarship ) जैसे कोर्स करना तो चाहती हैं, मगर आर्थिक तौर पर कमजोर होने की वजह से शामिल नहीं हो पाती। ऐसे में यह स्कॉलरशिप इनके लिए एआईसीटीई ने लॉन्च की है। एआईसीटीई द्वारा इस योजना पर 7.5 करोड़ रुपए सालाना खर्च होंगे। इसका छात्राओं की कॉलेज फीस का भुगतान करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा।
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CG Scholarship: हर साल बढ़ रही संख्या
अभी तक इंजीनियरिंग क्षेत्र में बेटियों की संख्या बढ़ाने के लिए प्रगति योजना में स्कॉलरशिप दी जाती है। इसमें 50 हजार रुपए सालाना स्कॉलरशिप मिलती है। इजीनियरिंग के क्षेत्र में विभिन्न योजनाओं से बेटियों की संख्या में लगातार सुधार हो रहा है। वर्ष 2019 में इंजीनियरिंग के क्षेत्र में बेटियों की संख्या 29 फीसदी थी। 2020 में 30 फीसदी और 2021 में यह आंकड़ा 36 फीसदी तक पहुंच गया। पिछले दो वर्षों में बेटियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। वर्ष 2022 में इंजीनियरिंग डिप्लोमा में 29 फीसदी और इंजीनियरिंग यूजी इंजीनियरिंग प्रोग्राम में 40 फीसदी तक पहुंच गया है।संबद्धता हेमचंद यादव विवि से रहेगी
एआईसीटीई पहली बार आगामी सत्र से बीबीए, बीसीए प्रोग्राम को पढ़ाने की मंजूरी दे रहा है। अभी तक यह तीनों प्रोग्राम को पढ़ाने की मंजूरी हेमचंद यादव विश्वविद्यालय और यूजीसी के जरिए किए जाते थे। इस बार से कॉलेज की संबद्धता, परीक्षा और मार्कशीट हेमचंद यादव विवि से ही मिलेगी, लेकिन एआईसीटीई की मान्यता मिलेगी। सभी कॉलेजों ने एआईसीटीई के साथ इनरोल कर लिया है। नए सत्र का आगाज हो चुका है। अभी 1 जुलाई से कक्षाओं का संचालन भी शुरू हो चुका है। 31 जुलाई के बाद दुर्ग विश्वविद्यालय की प्रवेश प्रक्रिया थमते ही इनकी कक्षाएं फुल फ्लैश शुरू होंगी।