इसकी जगह पर आईटीईपी शुरू होगा, जिसमें आगामी सत्र से बीकॉम के छात्रों को भी जोड़ा जा रहा है। अभी तक सामान्य बीएड करने पर विद्यार्थियों को संकाय चुनने के दौरान वाणिज्य की स्पेशिलिटी नहीं मिलती थी। उनको आर्ट्स विषय में मर्ज कर दिया जाता था। नए कोर्स के हिसाब से अब बीकॉम के विद्यार्थियों को उनके ही कोर सब्जेक्ट्स के टीसर्च बनने में मदद मिलेगी।
CG Education News: नए सत्र से प्रवेश पर विराम
एनसीटीई ने इस संबंध में 5 फरवरी को आम सूचना जारी की थी। इसके अनुसार वर्तमान में चल रहे बीए बीएड और बीएससी बीएड पाठ्यक्रम का शैक्षणिक सत्र 2024-25 अंतिम वर्ष है। वर्ष 2025-26 से इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश नहीं होंगे। वर्ष 2025-26 से आईटीईपी लागू होगा। शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों को एनसीटीई की वेबसाइट पर जाकर नए पाठ्यक्रम के लिए 5 मार्च तक ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद एनसीटीई आगे की प्रक्रिया को शुरू करेगा।
CG Education: बीएड के लिए बंपर रुझान
इस साल दुर्ग संभाग के तमाम बीएड कॉलेजों में बंपर एडमिशन हुए। सभी कॉलेजों की सीटें शतप्रतिशत भर गई। आखिरी राउंड की काउंसलिंग में भी जमकर जद्दोजहद हुई। इसके अलावा एकीकृत बीएड के लिए भी छात्रों ने खूब रुझान दिखाया। जिन कॉलेजों में बीएड की दौ सौ सीटों का इनटेक था, उनकी भी पूरी सीटें भर गईं। फिलहाल एकीकृत बीएड हेमचंद यादव विश्वविद्यालय से संबद्ध चुनिंदा कॉलेज में संचालित हो रहा है। अभी यह कोर्स सालाना स्तर पर है, जिनकी परीक्षाएं वार्षिक आधारित होती है। नया कोर्स लॉन्च होने के बाद यह परीक्षाएं सेमेस्टर आधारित हो जाएंगी। सामान्य बीएड की तरह एकीकृत बीएड के छात्र भी शिक्षक बनने की तैयारी में जुटेंगे। आईटीईपी में बीए-बीएड, बीएससी-बीएड के अलावा बीकॉम-बीएड को भी शामिल किया गया है। नया पाठ्यक्रम नई शिक्षा नीति और शिक्षक शिक्षा राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2021 के अनुसार संचालित होगा। रा जारी 5-3-3-4 के अंतर्गत संचालित विद्यालय पाठ्यक्रमों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। एनसीटीई ने कहा है कि जिन कॉलेजों में अभी एकीकृत बीएड संचालित हो रहा है, उनकी मान्यता भी नए सिरे से नए कोर्स के साथ मिलेगी।
सामान्य बीएड करने के लिए किसी भी छात्र का किसी विषय में ग्रेजुएट होना जरूरी होता है। वहीं एकीकृत बीएड चार साल का कोर्स है, जिसमें बारहवीं के बाद सीधे दाखिले हो जाते हैं। इसमें प्रवेश लेने के इच्छुक छात्रों को व्यापमं की प्रवेश परीक्षा में शामिल होने की जरूरत नहीं होती है। इसमें प्रवेश लेने वाले छात्र पहले अपने ग्रेजुएशन का कोर्स पढ़ने के साथ-साथ बीएड की पढ़ाई भी कर लेते हैं। इससे उनका एक साल बचता है।