इससे उन्हें पीएचई, पीडब्ल्यूडी सरीखे विभाग और सिविल के कई प्रोजेक्ट की ट्रेनिंग मिलेगी। सीएसवीटीयू के इस नए कोर्स में दाखिले तकनीकी शिक्षा संचालनालय की काउंसलिंग से दिए जा रहे हैं। सीएसवीटीयू सिविल ऑनर्स के लिए विशेष प्रयोगशाला बनाई गई है। अभी तक बीटेक ऑनर्स के तहत एआई और डेटा साइंस कोर्स संचालित था। अब बीटेक ऑनर्स इन सिविल इंजीनियरिंग इसमें तीसरा पाठ्यक्रम शामिल हो गया है।
इसलिए पीसी अब जरूरी नहीं विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. एमके वर्मा ने बताया कि आज 12वीं की फिजिक्स और केमिस्ट्री का स्तर पुराने जमाने की बीएससी के बराबर हो गया है। पहले तक जहां छात्रों को फिजिक्स और केमिस्ट्री पढ़ाया जाता था, वहीं इससे छुटकारा मिल जाएगा। पहले सेमेस्टर से ही विद्यार्थियों को सिविल का मेन कोर्स पढ़ाया जाएगा। लाइव ट्रेनिंग कराई जाएगी। जहां जरूरत होगी, सिर्फ वहीं फिजिक्स के एक-दो चैप्टर इस्तेमाल होंगे। कोर्स में फिजिक्स और केमिस्ट्री की न तो पढ़ाई होगी और न ही परीक्षा।
सीएसवीटीयू यूनिवर्सिटी टीचिंग डिपार्टमेंट में इस साल से बैचलर ऑफ फार्मेसी की शुरुआत करने जा रहा है। रायपुर फार्मेसी कॉलेज को सीएसवीटीयू ने बीते साल अंडर टेकिंग में लिया था। अब यह फार्मेसी कॉलेज सीएसवीटीयू की यूटीडी में चलेगा। सीएसवीटीयू ने यूटीडी फार्मेसी को भी काउंसलिंग में शामिल करने विभाग से पत्राचार किया है। रायपुर में चल रहे इस फार्मेसी कॉलेज का सेटअप यूटीडी में शिफ्ट कर लिया गया है। यूटीडी में फार्मेसी का यह पहला साल होने से इस बार बैचलर ऑफ फार्मेसी यानी बी. फार्मा में सीएसवीटीयू 60 सीटों पर प्रवेश देगा। यूटीडी के इस नए ऑनर्स कोर्स में दाखिले के लिए राज्य सरकार द्वारा कराई जाने वाली काउंसलिंग में शामिल होना पड़ेगा।
सीटों का आवंटन तकनीकी शिक्षा संचालनालय के जरिए होगा। राज्य और बाहरी कोटे की सीटें भी शासन के नियमों से आवंटित की जाएंगी। सिविल ऑनर्स कोर्स में जेईई मेंस के स्कोर से भी एडमिशन लिया जा सकता है। इस साल से शुरू हुआ बीटेक सिविल ऑनर्स बेहद खास है। इसमें छात्रों को फिजिक्स और केमिस्ट्री नहीं पढ़ाया जाएगा, बल्कि सीधे सिविल की पढ़ाई करेंगे। इसके अलावा उनको 6 महीने की ट्रेनिंग कराई जाएगी, जिससे उन्हें इंडस्ट्रीज की वर्किंग का अनुभव होगा। यह कोर्स डीटीई की काउंसलिंग में शामिल किया गया है।