कम दर पर ठेका बंद
ठेका श्रमिकों को उनका निर्धारित वेतन दिलाने की मांग ठेका प्रकोष्ठ लगातार सभी मंच पर उठा रहा था। कम वेतन देने का सबसे प्रमुख कारण इंजीनियरिंग एस्टीमेट से कम दर पर ठेकेदारों का ठेका लेना रहा है। ठेका प्रकोष्ठ ने प्रबंधन से इंजीनियरिंग एस्टीमेट से कम दर पर ठेके होने पर रोक लगाने की मांग की जा रही थी। इस पर प्रबंधन ने संज्ञान लेते हुए ठेका कार्य में लगने वाले श्रमिकों के वेतन भत्तों सहित न्यूनतम 3.85 फीसदी से कम पर ठेका न करने का नियम बना दिया है, जो कि अब होने वाले ठेकों पर लागू होगा।
अब मिलेगा सही वेतन
इसके परिणाम स्वरूप लंबे समय से पूर्ण वेतन प्राप्त करने का इंतजार कर रहे ठेका श्रमिकों को, अब शासन से निर्धारित पूर्ण वेतन वास्तविक रूप से बीएमएस के प्रयास से मिलना शुरू होगा। महामंत्री चन्ना केशवलू ने प्रबंधन के इस निर्णय को ऐतिहासिक बताया जो कि संयंत्र में कार्य करने वाले ठेका श्रमिकों के परिवार की आर्थिक दशा में सुधार लाएगा।
नियमित कर्मियों की तरह मिलेगी मेडिकल सुविधा
बीएमएस के इस प्रयास से ठेकेदारो को भी फायदा हुआ है। एचएसएलटी ठेका श्रमिकों व उनके आश्रितों को नियमित कर्मचारियों के समान मेडिकल सुविधा देने उनके वेतन में बढ़ोतरी व उनके गेट पास में पर्सनल नंबर जोडऩे की मांग की। इस पर सकारात्मक प्रयास की जानकारी दी गई। बैठक में प्रबंधन की ओर से आरके महाराणा, साई राम जाखड यूनियन से कार्यकारी अध्यक्ष रवि शंकर सिंह महामंत्री चन्ना केशवलू, ठेका प्रकोष्ठ अध्यक्ष हरी शंकर चतुर्वेदी महामंत्री वशिष्ठ वर्मा मौजूद थे।