औद्योगिक क्षेत्र की सड़कों को शासन ने चौड़ी सड़क इस वजह से दी थी, ताकि बाहर से आने वाले भारी वाहनों को किसी तरह की दिक्कत न हो। यहां की 80 फीट सड़क कब्जे का शिकार हो गई है। इसकी वजह से एसीसी से बोगदा पुलिया जाते समय भारी वाहनों को परेशानी हो रही है। वहीं पावर हाउस चौक से नंदिनी रोड में भी सड़क से लगे ग्रीन लैंड पर कब्जा कर लिया गया है। यहां तो होटल तक संचालन किया जा रहा है।
नंदिनी रोड से ट्रांसपोर्ट नगर जाने वाले रास्ते में भी उद्यमियों व लोगों ने सड़क से लगी जमीन पर कब्जा कर लिया है। इन रास्तों के दोनों ओर पौध रोपण किया जाता, तो औद्योगिक क्षेत्र में हरियाली नजर आती। इसके अलावा औद्योगिक क्षेत्र में उद्योगों के प्लाट में खटाल संचालित हो रहा है। इससे सड़कों पर कब्जा के साथ-साथ नियमों की भी धज्जियां उड़ रही है। औद्योगिक क्षेत्र, हथखोज में उद्योगों के बीच-बीच में स्थित खाली जमीन पर छोटे व बड़े दुकान, आवास तान दिया गए हंै। कंपनी में काम करने वाले मजदूर इसमें रहते हैं। ठेला व छोटे दुकानों में पान, चाय ठेला चल रहा है। हेवी व लाइट इंडस्ट्रियल एरिया में पिछले 14 साल के दौरान कब्जे में सौ फीसदी इजाफा हुआ है।
औद्योगिक क्षेत्र में पार्क, ग्रीन बेल्ट, नाली, सड़क के लिए तय जमीन को कब्जा से मुक्त करने बड़ा अभियान छेडऩे की जरूरत है। इसके लिए निगम, डीआईसी और प्रशासन की टीम कार्रवाई करने निकल जाए, तो सारे कब्जे खाली किए जा सकते हैं। इससे पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बेहतर कार्य किया जा सकता है। बीएसपी क्षेत्र में जिस तरह से कुछ कब्जों को पुलिस की मदद से खाली किया जा रहा है।
सुमन एक्का, प्रबंधक, जिला उद्योग केंद्र, दुर्ग ने बताया कि निगम और पुलिस प्रशासन के सहयोग से औद्योगिक क्षेत्र को अतिक्रमण से मुक्त करना है। इसके लिए कब्जा करने वालों को नोटिस जारी किया गया है।