यह भी पढ़ें :
CG Assembly Election 2023 : 17 नवंबर की मतदान तिथि को बदलने की मांग विभिन्न प्रोजेक्ट को लेकर साइंटिस्ट इन्हें ट्रेंड करेंगे। बायोसाइंस और कनेक्टेड फार्मा सहित विभिन्न एरिया में नई रिसर्च शुरू होगी। एमओयू पर हस्ताक्षर करने के लिए आईआईटी भिलाई के डायरेक्टर प्रो. राजीव प्रकाश दिल्ली स्थित जर्मन एंबेसी पहुंचे। वहां एक भव्य कार्यक्रम कराया गया, जिसमें अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों के संकाय प्रभारी रुकमणकेश और जर्मन एक्सचेंज सर्विस के उपमहासचिव डॉ. माइकल हार्मस ने समझौते पर हस्ताक्षर किए।
यह भी पढ़ें :
CG Election 2023 : कांग्रेस में भी रायपुर से जगदलपुर तक टिकट को लेकर आक्रोश, प्रदर्शन-नारेबाजी क्या होगा एमओयू से फायदा इस समझौते के साथ ही अब जर्मन एकेडमिक एक्सचेंज और आईआईटी भिलाई आपसी वैज्ञानिक हितों के क्षेत्रों में दोनों देशों के वैज्ञानिकों के बीच अकादमिक और वैज्ञानिक सहयोग बनाएंगे। इस एमओयू में तय किया गया है कि जर्मन एक्सजेंस सर्विस आईआईटी भिलाई को फर्दर स्टडी के लिए स्कॉलरशिप मुहैया कराएगा। जर्मनी के विश्वविद्यालयों में वे रिसर्च कर सकेंगे। इसमें बायो मेडिकल साइंस, मटेरियल साइंस सहित एग्रीकल्चर इनहैसमेंट को बढ़ावा भी दिया जाएगा। नई रिसर्च से मिलने वाले निष्कर्ष का लाभ भारत और जर्मनी साझा करेंगे। रिसर्च की कामयाबी के लिए जर्मनी आईआईटी के फैकल्टी और स्टूडेंट्स के लिए फंडिंग की व्यवस्था भी करेगा।
यह भी पढ़ें :
CG Election 2023 : मतदान केन्द्रों में सुविधाओं पर 58 लाख खर्च करेगा आयोग शास्वत को मिली है स्कॉलरशिपआईआईटी भिलाई ने अभी जर्मन एकेडमिक सर्विसेज से एमओयू किया है, लेकिन इससे पहले आईआईटी के छात्र शास्वत जायसवाल को इस सर्विस के जरिए स्कॉलरशिप मिल चुकी है। बीटेक ऑनर्स के छात्र शास्वत ने रिसर्च प्रोजेक्ट के तौर पर जर्मनी में काम भी किया है। यह एक समर प्रोजेक्ट था, जिसमें उसकी रिसर्च वर्क से लेकर वहां रहने और पढ़ाई करने के तमाम इंतेजाम जर्मन सर्विस ने किए। अब शास्वत के बाद आईआईटी के अन्य छात्रों और फैकल्टी को भी इसका लाभ मिलेगा। कुल मिलाकर भारत के मित्र देश जर्मनी से कुछ सीखने और उन्हें कुछ बेहतर सिखाने का मौका होगा।
आईआईटी भिलाई और जर्मन एकेडमिक एक्सचेंज सर्विस के बीच हुआ एमओयू विद्यार्थियों और फैकल्टी के लिए रिसर्च के दायरे को काफी बढ़ा देगा। हमारे छात्र जर्मनी से रिसर्च कर सकेंगे। शोध के लिए फंड भी जर्मनी ही देगा।
– प्रो. राजीव प्रकाश, डायरेक्टर, आईआईटी भिलाई