मृतक रामबृज गायकवाड़ के भाई बृजलाल गायकवाड़ का कहना है कि उसके भाई पर कर्ज जरुर था, लेकिन उन सब ने अपने हिस्से की जमीन बेचकर उसका कर्ज चुकता करवा दिया था। अचानक फिर से उसके ऊपर इतने बड़े कर्ज की बात कहना समझ से परे है। पुलिस को चाहिए कि मामले की निष्पक्ष जांच करे। हम लोग गरीब और शांत प्रवृत्ति के लोग है। हम चाहते है कि उनके दिवंगत भाई और उसके परिवार को न्याय मिले। सच्चाई सामने आए।

शुक्रवार व शनिवार देर रात हुई दिल दहला देने वाली घटना से मृतक के परिवार वाले चकित हैं। उनके आंसू नहीं रूक रहे हैं। रविवार को मृतक रामबृज गायकवाड़ व उसके बेटे संजू गायकवाड़ का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान पूर्व विधायक सांवलाराम डाहरे, पूर्व महापौर डॉ. शिव कुमार तमेर सहित कई बड़े नेता यहां पहुंचे और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के शासन को असफल बताया।
इस मामले में ग्रामीणों का कहना है कि घटना स्थल को देखकर यह लग रहा है कि यह खुदकुशी नहीं बल्कि का हत्या मामला हैै। लोगों का कहना है कि पुलिस कई अनसुलझे सवालों का जवाब गोलमोल दे रही है। मामले की सच्चाई सामने आना चाहिए।
मृतक संजू ने चार दिन पहले अपने चाचा नील सिंह गायकवाड़ को फोन किया था। उसने बताया था कि उसके दोस्त ने कहीं से 5 लाख रुपए का कर्ज लिया है। 7 से 10 प्रतिशत ब्याज में कही से रकम मिले तो दिला दे। उसका दोस्त कर्ज अदा न कर पाने पर कर्जदाता के यहां कर्ज छूटने तक बंधुआ मजदूरी करने को भी तैयार है। इस पर चाचा ने उसको फटकार लगाई थी कि तुम लोगों का कर्ज तो पटवा दिए है। अब तुम क्यों कर्ज के लफड़े में पड़ रहे हो।
बठेना क्षेत्र मुख्यमंत्री का विधानसभा क्षेत्र है। यहां बड़े पैमाने पर साहूकार अपने आप को उनका करीबी बताकर ब्याज का धंधा चमका रहे हैं। इसकी शिकायत कई बार पाटन थाना तक भी पहुंची है, लेकिन पुलिस ने किसी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की।
अक्सर देखने में यह आता है कि साहूकार कर्ज देकर गरीब भोलेभाले लोगों से ब्लैंक चेक और बैंक पासबुक सहति जमीन व घर के दस्तावेज तक गिरवी रख लेते हैं। इसके बाद अपने लोगों को भेजकर उनसे कर्ज वसूली करवाते हैं और न देने पर गाली गलौज कर डराते धमकाते हैं। ऐसा ही कुछ गायकवाड़ परिवार के साथ होने की बात सामने आ रही है। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि गायकवाड़ परिवार को कर्जदारों द्वारा इतना प्रताडि़त किया गया था कि उसके सामने खुदकुशी करना ही एक मात्र विकल्प बचा था। यदि ऐसा है तो फिर सूदखोर कौन हैं पुलिस को जांच कर सामने लाना चाहिए। लोगों का कहना है कि पुलिस को चाहिए की इन सूदखोरों के नाम सामने लाए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
राख के ढेर से तीनों मां बेटियों की लाश मिली है। उन्हें बिजली के तार से बांधा गया था। सवाल यह है कि यदि रामबृज और उसका बेटा संजू ने हत्या कर मां बेटियों को जलाया होता तो उनके हाथ पैर क्यों बांधे जाते। लोगों को आशंका है कि है कि संजू उसके पिता मां और बहनों को किसी के द्वारा बंधक बनाया गया होगा। पुरानी रंजिश का बदला लेने के लिए पहले मां बेटियों को तार से बांधकर बेहोशी की हालत में जिंदा जलाया होगा। जब गायकवाड़ बचाने दौड़ा तो उसे और उसके बेटे को फंदा में लटका दिया गया। जिससे उनकी मौत हो गई। ऐसा आशंका इस लिए जताई जा रही है क्योंकि गायकवाड़ के पैर बुरी तरफ झुलस गए थे। ऐसा कहा जा रहा है कि पत्नी व बेटियों को बचाते उसका पैर झुलसा है।
जब घटना स्थल पर पाटन थाना प्रभारी कई घंटे तक नजर नहीं आए, तो पत्रिका की टीम उनसे कुछ सवालों को जानने के लिए पाटन थाना पहुंची। टीम को देखकर टीआई शिवानंद तिवारी हड़बड़ा गए। वे आमजनों के बैठने के लिए रखी कुर्सी पर बैठे-बैठे ही लिखापढ़ी में व्यस्थ होने की बात कह कर कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।
घटना स्थल पर ग्रामीण एएसपी प्रज्ञा मेश्राम बैकफुट पर नजर आई। उन्होंने कहा कि सुसाइडल नोट और हत्या या आत्महत्या जैसे किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे सकती। पहले वे एसपी से बात करेंगी, उसके बाद ही कुछ बता पाएंगी।
पुलिस ने जारी बयान में कहा है कि मृतक रामबृज गायकवाड़ एवं उनके पुत्र संजू गायकवाड की शार्ट पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त हुई है। जिसमें डॉक्टर द्वारा दोनों ही मृतकों का फांसी लगाकर आत्महत्या की प्रकृति लेख किया गया है। पुलिस के साथ फारेंसिक एक्सपर्ट ने पैरावट के पास निरीक्षण किया। 3 मानव कंकाल लगभग पूर्णतया जली हुई अवस्था में मिले। तीनों ही कंकालों के सिर उत्तर और पैर दक्षिण की दिशा में रखे हुए थे। सभी की कंडो की चिता बनाकर एक साथ लाइन से रखा गया था। इसके बाद उसके ऊपर पैरा डालकर आग लगाई गई है।
पुलिस ने बताया कि प्रकरण में जांच की जा रही है। अब तक यह बात सामने आई है कि मृतक राम ब्रिज गायकवाड का पैसों के लेनदेन था। इसे लेकर वह काफी व्यथित था। उससे वह परेशान रहता था। उसका बेटा मृतक संजू के बारे में पुलिस का कहना है कि वह स्थानीय लोगों की धान मंडी में बेचता था। बिक्री हुई राशि को समय पर नहीं लौटता था। जिससे संजू के पैसे के अनियमित लेनदेन से वह काफी परेशान था।
पुलिस ने फ ोरेंसिक टीम विशेषज्ञ, चिकित्सकों और कार्यपालिक दंडाधिकारी के समक्ष उक्त मानव कंकालों का अवलोकन किया। घटना स्थल पर मिले फिंगर प्रिंट, बरामद दस्तावेज को पुलिस ने जब्त कर लिया। साथ ही पैरावट में मिले मानव कंकाल की डीएनए टेस्ट के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा गया।
फोरेंसिक टीम के साथ पुलिस ने घटना स्थल की परीक्षण किया। इस दौरान कीटनाशक की एक भरी हुई बंद बोतल मिली है। एक बोतल खाली मिली है। पुलिस का कहना है कि इसकी जांच की जा रही है। इससे यह आशंका जताई जा रही है कि जहर पिलाकर गायकवाड़ परिवार की हत्या की गई। इसके बाद साक्ष्य को छिपाने के लिए आग के हवाले कर दिया गया।