गुरू आज्ञा के बाद साध्वी सुविधिश्री ने बसंती बाई पारख को संथारा का व्रत धारण कराया। इसके लिएसाध्वी ने बसंती बाई को गुरू आज्ञा की जानकारी देकर व्रत की प्रक्रिया समझाई। इसके बाद उन्होंने विधिवत संथारा लिया।
संथारा पूर्णहोने के बाद बसंती बाई पारख की अंतिम यात्रा निकाली गई। इसमें बड़ी संख्या में सामाजिक प्रतिनिधि शामिल हुए। वे महिला साधू मार्गी जैन संघ की पूर्वअध्यक्ष भी थीं।@Patrika. सामाजिक रीति-रिवाज के अनुसार शाम साढ़े 5 बजे हरनाबांधा मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
एक साल के भीतर शहर में यह तीसरी संथारा है। इससे पहले फरवरी में महावीर कॉलोनी की शोभा देवी पति टीकम चंद्र भंडारी ने संथारा लिया था। @Patrika. इसी तरह जून में कसारीडीह निवासी पुष्पा देवी पति इंदरचंद सुराना (8 0 वर्ष) ने सांसारिक मोह त्यागकर संथारा व्रत लिया था।