यह भी पढ़ें : स्वामी आत्मानंद स्कूल में शिक्षिका से छेड़छाड़, सुरक्षा व्यवस्था पर उठाए सवाल.. तत्काल कार्रवाई की मांग इस कारण हर दिन चुनाव ड्यूटी से अलग रखने संबंधी आवेदन लेकर कर्मचारी कार्यालय पहुंच रहे रहे हैं। इस संबंध में अधिकारियों व कर्मचारियों से जिला पंचायत में बनाए गए कक्ष में आवेदन लिया जा रहा है। निर्वाचन कार्य से जुड़े अफसरों के मुताबिक अब तक ड्यूटी से अलग करने से संबंधित 5०0 से ज्यादा आवेदन पहुंच चुके हैं। ड्यूटी से अलग रखने के संबंध में अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा अलग-अलग कारण बताए जा रहे हैं।
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बीमारी बताकर जमा कर रहे रिपोर्ट
स्वास्थ्यगत कारणों पर कर्मचारियों पर ड्यूटी से पृथक करने का भी प्रावधान है। लिहाजा अधिकतर आवेदनों में स्वास्थ्य से संबंधी कारण सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि बीमारी बताने वाले कर्मचारी आवेदन के साथ मेडिकल रिपोर्ट भी जमा करा रहे हैं। इसके अलावा वृद्ध व बीमार माता-पिता और बच्चों के देखभाल जैसे कारणों वाले आवेदन भी आ रहे हैं।
बीमारी बताकर जमा कर रहे रिपोर्ट
स्वास्थ्यगत कारणों पर कर्मचारियों पर ड्यूटी से पृथक करने का भी प्रावधान है। लिहाजा अधिकतर आवेदनों में स्वास्थ्य से संबंधी कारण सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि बीमारी बताने वाले कर्मचारी आवेदन के साथ मेडिकल रिपोर्ट भी जमा करा रहे हैं। इसके अलावा वृद्ध व बीमार माता-पिता और बच्चों के देखभाल जैसे कारणों वाले आवेदन भी आ रहे हैं।
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कर्मचारी नेताओं पर अधिकारी भी संशय में खुद को राजनीतिक दल से आनुशांगिक संगठन संबद्ध बताकर ड्यूटी से पृथक करने संबंधी आवेदनों और कर्मचारियों को लेकर निर्वाचन कार्य में लगे आला अधिकारी भी संशय में हैं। निर्वाचन आयोग के निर्देश व आदर्श आचार संहिता के मुताबिक मतदान या मतदाताओं को प्रभावित करने जैसी कोई भी स्थिति निर्मित नहीं होने दिया जाना है। ऐसे कर्मचारियों द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन जैसी स्थिति भी बन सकती है। ऐसे आवेदनों में अधिकतर शिक्षक संगठनों के बताए जा रहे हैं।
कर्मचारी नेताओं पर अधिकारी भी संशय में खुद को राजनीतिक दल से आनुशांगिक संगठन संबद्ध बताकर ड्यूटी से पृथक करने संबंधी आवेदनों और कर्मचारियों को लेकर निर्वाचन कार्य में लगे आला अधिकारी भी संशय में हैं। निर्वाचन आयोग के निर्देश व आदर्श आचार संहिता के मुताबिक मतदान या मतदाताओं को प्रभावित करने जैसी कोई भी स्थिति निर्मित नहीं होने दिया जाना है। ऐसे कर्मचारियों द्वारा आचार संहिता के उल्लंघन जैसी स्थिति भी बन सकती है। ऐसे आवेदनों में अधिकतर शिक्षक संगठनों के बताए जा रहे हैं।