वर्ष @2047 तक भारत बनेगा विकसित राष्ट्र
विजन-डॉक्यूमेंट तैयार करने के उद्देश्य से सभी नागरिक पोर्टल के माध्यम से अपने सुझाव दे सकते हैं। संवाद में जनप्रतिनिधियों के अलावा युवाओं, किसानों, महिलाओं, बुजुर्गों और प्रबुद्धजनों ने विचार रखे। राज्य नीति आयोग के सदस्य सचिव के. सुब्रमण्यम ने कहा कि राज्य नीति आयोग द्वारा विजन दस्तावेज तैयार किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य राज्य के सभी क्षेत्रों का तीव्र विकास सुनिश्चित करना है। इसमें जनता की भागीदारी हर स्तर पर होनी चाहिए। हमें समावेशी विकास के साथ आगे बढ़ना होगा। वर्ष @2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने की परिकल्पना को साकार करने मे छत्तीसगढ़ राज्य की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।अगले 5 वर्षो में भारत बनेगा दुनिया की आर्थिक ताकत
कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी ने कहा कि आने वाले 5 वर्षों में जब भारत दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनेगा, तो छत्तीसगढ़ भी विकास की नई बुलंदी पर होगा। विकसित छत्तीसगढ़ का निर्माण, गरीब, किसान, युवा और नारीशक्ति के सशक्तिकरण से होगा। छत्तीसगढ़ के पास भारत के विकास की ड्राइविंग फोर्स बनने की क्षमता है। हमें @2047 तक छत्तीसगढ़ को एक विकसित राज्य बनाना होगा।सही क्रियान्वयन की दरकार
वहीं संभागायुक्त सत्यनारायण राठौर ने कहा कि भारत और छत्तीसगढ़ को विश्व के नंबर एक में लाने के लिए सही तरीके से क्रियान्वयन करने की जरूरत है। देश और राष्ट्र को नंबर वन बनाया जा सकता है उसमें सभी की अपनी-अपनी सहभागिता होना आवश्यक है। संवाद कार्यक्रम में संभाग के युवाओं, छात्र-छात्राओं, महिलाओं और प्रबुद्धजनों ने छत्तीसगढ़ विजन के बारे में अपने विचार साझा किए।अमृतकाल छत्तीसगढ़ विजन का उद्देश्य बताया
डॉ. नीतू गौरड़िया ने कहा राज्य नीति आयोग के संयुक्त संचालक डॉ. नीतू गौरड़िया ने कहा कि अमृतकाल छत्तीसगढ़ विजऩ का उद्देश्य राज्य के विकास में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरित करना है, ताकि उनके सुझावों से छत्तीसगढ़ को एक बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर किया जा सके। विधायक गजेन्द्र यादव ने कहा प्रधानमंत्री की सोच लक्ष्य निर्धारित कर भारत को विकासशील देश से विकसित राष्ट्र बनाने की है, जिसमें युवा, महिला, किसान और गरीब समाज के हर व्यक्ति को समाहित किया गया है। सभी वर्गों के कल्याण के लिए केन्द्रीय बजट में विशेष प्रावधान किए गए हैं।
विधायक ललित चंद्राकर ने कहा प्रधानमंत्री प्रदेश को विकसित भारत बनाने के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संसाधन, वन संपदा और मानव संसाधन है।