हर दिन निकलता है 1 टन प्लास्टिक
टाउनशिप में कचरे के साथ हर दिन 1 टन प्लास्टिक निकलता है। इसे पहले एक मशीन में डालकर साफ किया जाएगा। इसके बाद दूसरे मशीन में डालकर एग्लो का उत्पादन किया जाएगा। एग्लो की मांग अगर बीएसपी से नहीं की जाती है, तब उसे बाहर किसी दूसरी कंपनी को बेचा जा सकता है।
बीएसपी शून्य लागत पर करवाने जा रही काम
ठेका लेने वाली एजेंसी को मशीन खुद ही क्रय कर लगाना होगा। इस काम में कर्मचारी रखना और उनको नियम के मुताबिक वेतन का भुगतान करना होगा। मशीन चलाने के लिए बिजली का उपयोग करने पर, उसका बिल भी एजेंसी को ही देना होगा। बीएसपी ने पहले से वहां जो शेड का निर्माण कर रखा है, उसके अलावा जरूरत पडऩे पर एजेंसी विभाग से अनुमति लेकर खुद शेड निर्माण कर सकती है।
एग्लो का किया जा रहा उत्पादन
ट्रायल के तौर पर एग्लो का उत्पादन शुरू कर दिया गया है। एनजीओ के माध्यम से इसका उत्पादन किया जा रहा है। नेवई में कुछ बोरा तैयार भी कर लिया गया है। गंदे पॉलीथीन की सफाई करने व साफ पॉलीथीन, प्लास्टिक से एग्लो तैयार करने की मशीन भी लग चुकी है। वहीं ठेका होने के बाद नई एजेंसी इस कार्य को करेगी।
एग्लो का यहां किया जाएगा इस्तेमाल
भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन प्लास्टिक से निर्मित एग्लो का उपयोग कोक ओवन, ब्लास्ट फर्नेस में कर सकती है। अगर बीएसपी को एग्लो की जरूरत होगी, तो एजेंसी को प्राथमिकता के आधार पर सबसे पहले, इसे बीएसपी को देना होगा। इसके बाद बाहर दूसरी कंपनी को भी बेच सकते हैं। बीएसपी कोक के साथ इसको भी एक फीसदी उपयोग कर सकता है। बीएसपी में जितनी जरूरत है, उसमें एक टन एग्लो बहुत कम है।