CG News: 8 प्रोफेसरों ने ठुकराया प्रमोशन, प्राचार्य के पद पर मिली थी पदोन्नति
CG News: 17 में से 9 प्रोफेसरों ने तो प्राचार्य का पद स्वीकर करते हुए पदोन्नती ले ली, मगर 8 प्रोफेसर ऐसे हैं, जिनका साइंस कॉलेज से मोह खत्म नहीं हो रहा है। इन 8 प्रोफेसरों ने लंबे इंतजार के बाद मिली प्राचार्य पद की पदोन्नती को ठुकरा दिया है।
CG News: उच्च शिक्षा विभाग ने हाल ही में प्रदेश के 131 प्राध्यापकों को पदोन्नति देकर प्राचार्य बनाया था। साइंस कॉलेज दुर्ग के 17 प्रोफेसर भी इसमें शामिल रहे। इन 17 में से 9 प्रोफेसरों ने तो प्राचार्य का पद स्वीकर करते हुए पदोन्नती ले ली, मगर 8 प्रोफेसर ऐसे हैं, जिनका साइंस कॉलेज से मोह खत्म नहीं हो रहा है। इन 8 प्रोफेसरों ने लंबे इंतजार के बाद मिली प्राचार्य पद की पदोन्नती को ठुकरा दिया है।
यह भी पढ़ें: CG Tribal Day: रायपुर साइंस कॉलेज में आदिवासी लोक नृत्य की धूम इन प्रोफेसरों से उच्च शिक्षा विभाग को पदोन्नति त्याग लिखित में दे दिया है। वहीं कुछ प्रोफेसरों ने पदोन्नती से मिले कॉलेज जाने में असमर्थता दिखाई है। उन्हें नया कॉलेज पसंद नहीं। सबसे खास बात यह है कि, एक प्रोफेसर को धनोरा मॉडल कॉलेज का प्राचार्य बनाया गया। साइंस कॉलेज से धनोरा कॉलेज महज 6 किलोमीटर दूर है, फिर भी उन्होंने यहां जाने से परहेज किया और पदोन्नति को फॉरगो कर दिया। इसी तरह साइंस कॉलेज से पदोन्नती के बाद शासकीय कॉलेज मचांदुर जाने से भी एक प्रोफेसर ने इनकार कर दिया। उतई से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित मचांदुर कॉलेज प्रभारी के भरोसे हैं, क्योंकि नियमित प्राचार्य को यह कॉलेज आउटर में लगा।
कॉलेजों में नियमित प्राचार्य नहीं
शासकीय कॉलेज में नियमित प्राचार्य रहने से कॉलेज में प्रशासनिक कसावट रहती है। कक्षाओं की पढ़ाई से लेकर वहां कार्यरत स्टाफ और प्रोफेसर अपनी मनमानी पर नहीं उतरते। फिलहाल, जिन प्रोफेसरों ने पदोन्नती को ठुकराया है, उन्होंने कहीं न कहीं ग्रामीण क्षेत्रों के इन कॉलेजों को नुकसान ही किया है। इनके प्राचार्य रहने से वहां शिक्षा का स्तर सुधर सकता था। यह सभी साइंस कॉलेज में वरिष्ठ प्रोफेसर्स हैं, जिनके पढ़ाने का तरीका और प्रशासनिक पकड़ का फायदा ग्रामीण विद्यार्थियों को भी मिल सकता था।
फिर आने वाली है एक लिस्ट
उच्च शिक्षा विभाग के सूत्रों के मुताबिक जनवरी तक यूजी प्राचार्य से पीजी प्राचार्य की पदोन्नती सूची जल्द ही आने वाली है। इसके अलावा पूर्व में प्राचार्य पदोन्नती से वंचित रह गए प्रोफेसरों को भी मौका मिल सकता है। इस सूची में भी दुर्ग संभाग के कई नाम शामिल होंगे। इन्हें पदोन्नती के बाद नई पदस्थापना मिलेगी, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी वे अपनी पसंद जगह के चक्कर में पदोन्नती को ठुकरा देंगे। दुर्ग संभाग में पदोन्नती का यह ट्रेंड अब आम हो गया है।
पदोन्नति स्वीकार करने वाले प्राध्यापक
डॉ. आरएस सिंह – जामुल डॉ. कमर तलत – बोरी डॉ. शिखा अग्रवाल – जामगांव आर डॉ. अनुपमा अस्थाना – रिसाली डॉ. एमए सिद्दिकी – नगपुरा – (अब सेवानिवृत्त)
डॉ. बलजीत कौर – खुर्सीपार डॉ. सुचित्रा गुप्ता – जेवरतला डॉ. अजय सिंह – साइंस कॉलेज दुर्ग डॉ. सोमाली गुप्ता – अर्जुंदा पदोन्नति अस्वीकार करने वाले प्राध्यापक डॉ. अभिनेष सुराना – गुरुर
डॉ. जगजीत कौर सलूजा – मॉडल कॉलेज धनोरा डॉ. एचपी सिंह सलूजा – घुमका डॉ. अनिल कश्यप – डौंडी डॉ. एके खान – एलबी नगर डॉ. सुकुमार चटर्जी – छुईखदान
डॉ. के पद्मावती – मचांदुर डॉ. शशिनाथ झा – पेंड्रावन
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