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भरतपुर

बेटी की शादी में नहीं कराएंगे पूरे गांव को भोज, जरुरतमंदों की करेंगे मदद

-वार्ड नंबर एक में गांव कमलपुरा में जाटव समाज की पहल

भरतपुरNov 19, 2020 / 03:00 pm

Meghshyam Parashar

बेटी की शादी में नहीं कराएंगे पूरे गांव को भोज, जरुरतमंदों की करेंगे मदद

बेटी की शादी में नहीं कराएंगे पूरे गांव को भोज, जरुरतमंदों की करेंगे मदद

भरतपुर. जाटव समाज ने आखिर सामाजिक कुरीतियों का निवारण करने के लिए अनूठी पहल की है। वार्ड नंबर एक स्थित गांव कमलपुरा में समाज ने निर्णय लिया है कि अब बेटी की शादी में पूरे गांव को भोजन कराने की प्रथा को बंद कराया जाएगा। इसके लिए समाज में जन-जागरण अभियान भी चलाया जाएगा। साथ ही शहर व जिले के अन्य इलाकों में भी इस पहल को शुरू करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि पिछले करीब दो साल से विभिन्न समाजों की ओर से मृत्युभोज व बेटियों की शादी में पूरे गांव को भोजन कराने की परंपरा का बहिष्कार किया जा रहा है। इसी कड़ी में गांव कमलपुरा में यह निर्णय लिया गया है। समाज के युवाओं का तर्क है कि इन परंपराओं को समाप्त करने के लिए समाज के वयोवृद्ध नागरिकों को भी जागरूक किया गया है। ताकि ऐसी प्रथाओं को समाप्त करने से इसमें व्यय होने वाली राशि का उपयोग परिवार के उत्थान के साथ-साथ समाज के जरुरतमंद वर्ग के हित में लगाया जा सके।
जानकारी के अनुसार गांव कमलपुरा वार्ड नंबर एक में पंचायत बुलाई गई। इनमें कई मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया। पंचायत में लड़कियों के विवाह में भोजन व्यवस्था को खत्म करने पर मंथन किया गया। वक्ताओं ने कहा कि किसी परिवार की हालत ऐसी नहीं होती है कि वह 500 से एक हजार लोगों के भोजन का व्यय सहन कर सके। इससे वह कर्ज के बोझ में दबता चला जाता है। इसलिए ऐसी भोजन व्यवस्था को सीमित करते हुए धीरे-धीरे बंद किया जाना चाहिए। ताकि कोई भी परिवार कर्ज के बोझ में दबकर परेशान नहीं हो। साथ ही समाज में शराब पीकर उत्पात मचाने वाले व्यक्तियों को आर्थिक दंड देना तय किया। अगर कोई भी युवक या कोई भी व्यक्ति शराब पीकर उत्पात मचाता है एवं परिवार वालों के साथ मारपीट करता है तो उसे आर्थिक दंड लगाया जाएगा। ऐसे व्यक्ति से 1100 रुपए का दंड वसूल कर समाज के जरुरतमंद वर्ग की मदद की जाएगी। अनावश्यक लड़ाइयां एवं जुआ सट्टे से समाज में बढ़ रही कुरीतियों को बंद करने के लिए युवाओं की टीम गठित की गई है जो हर समय सामाजिक गतिविधियों पर नजर रखेंगे और प्रत्येक गरीब बच्चे को सामाजिक राशि से उच्च स्तर की पढ़ाई कराना आदि अन्य बातों पर विचार करेंगे। मि_ूराम नेताजी की अध्यक्षता में हुई पंचायत में देवी सिंह, हेमंत कुमार, मनोहर लाल, मोतीलाल, होतीलाल, रामप्रसाद, इतवारी, भूप सिंह समेत जाटव समाज के काफी लोग उपस्थित थे।
समाज खुद कर रहे हैं ऐसी पहल

जिले में विभिन्न समाजों की ओर से सामाजिक कुरीतियों के निवारण के लिए मुहिम चलाई जा रही है। शहर में सिक्ख समाज ने पिछले कुछ माह पहले मुहिम चलाई थी कि शादी समारोहों में अगर कोई भोजन बिगाड़ता है तो उसे रोका जाएगा व समझाया जाएगा। सीकरी के गांव पुनाय में सालों से शराब पीने पर जुर्माना लगाने की पहल की जा चुकी है। जिलेभर में जाट समाज की ओर से मृत्युभोज की परंपरा पर रोक लगाने के लिए पिछले काफी वर्षों से पंचायत कर मुहिम चलाई गई है। इसके व्यापक परिणाम भी सामने आए हैं। साथ ही कुछ लोगों पर कानूनी कार्रवाई भी की गई थी। इसके अलावा अन्य कई ऐसे समाज हैं जो कि शराबबंदी के साथ ही दहेज प्रथा, मृत्युभोज, बेटियों की शादी में भोज आदि बुराइयों के खिलाफ आमजन को जागरूक कर अहम भूमिका निभा रहे हैं।

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