वहीं, विवाद में आए उद्योगनगर थाना प्रभारी सीपी चौधरी को एसपी हैदरअली जैदी ने थाने से हटाकर कार्यालय में अटैच कर दिया है। उधर, बॉर्डर पर हुए घटनाक्रम की जिला कलक्टर नथमल डिडेल की ओर से जांच की जा रही है। वहीं, इस मामले को जिला पुलिस सामान्य घटना जरुर बता रही है लेकिन यूपी पुलिस के सम्मान करने के तरीके को गैरजरुरी मानते हुए जवाब देने की तैयारी कर रही है। सूत्रों के अनुसार उद्योगनगर थाना पुलिस को एनजीओ की ओर से कोरोना वॉरियर्स के खिताब से सम्मानित किया जा सकता है।
यूपी पुलिस का अनाधिकृत रूप से प्रवेश कराने का आरोप दो एसआई समेत अन्य पुलिसकर्मियों को सम्मानित करने के मामले में यूपी पुलिस के जारी प्रेस नोट में भरतपुर पुलिस पर अनाधिकृत रूप से प्रवासी श्रमिकों को प्रवेश कराने का आरोप लगाया है। यूपी पुलिस का कहना है कि रविवार को बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूरों की ओर से जाजमपट्टी (यूपी बॉर्डर) बैरियर पर आकर जबरन घुसने का प्रयास किया। भीड़ के साथ राजस्थान पुलिस भी थी, जिनकी ओर से श्रमिकों को अनाधिकृत रूप से प्रवेश कराने का प्रयास किया और ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों से अभद्रता की गई। पुलिसकर्मियों ने धैर्य और सहनशीलता का परिचय देते हुए श्रमिकों को प्रवेश करने से रोका गया।
सीआई का विवादों से पुराना नाता इधर, बॉर्डर पर हुए घटनाक्रम में उद्योगनगर थाना प्रभारी का विवादों से पुराना नाता है। इससे पहले कुम्हेर में एसएचओ रहने के दौरान भी विद्युतकर्मियों से मारपीट की घटना में दोनों तरफ से एफआईआर तक हो चुकी है। हाल में उद्योगनगर थाने की गुनसारा चौकी स्टाफ को वाहनों से अवैध वसूली की शिकायत पर रेंज डीआइजी ने पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर के निर्देश दिए थे, उस समय विवाद होने पर डीआइजी को बैकफुट पर आना पड़ा था। इससे पहले एक गैंग के आंतक में उद्योगनगर पुलिस ने जल्दबाजी में एक व्यक्ति को मुलजिम मनाते गिरफ्तार कर लिया था। जिससे पुलिस की किरकिरी हुई थी।
रिपोर्ट दर्ज कराने पर अड़ गई थी यूपी पुलिस बताया जा रहा है बॉर्डर पर हुए घटनाक्रम को लेकर एक बारगी यूपी पुलिस के अधिकारी उद्योगनगर पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने पर अड़ गए थे। अंत में वरिष्ठ अधिकारियों के वार्ता के बाद मामला शांत हुआ। हालांकि, मथुरा के जिला कलक्टर ने स्पष्ट तौर पर सीआई चौधरी के बर्ताव को आक्रमक रूख बताते हुए एसपी से कार्रवाई करने के लिए कहा।