पडोसी भूदेव सैनी ने बताया कि धर्मेंद्र का दो वर्षीय पुत्र हर्ष घर पर खेला रहा था। बालक की मां पडोस के घर पानी लेने गई थी। हर्ष भी मां के पीछे चला गया, जिसका मां को पता नहीं लगा और दो वर्षीय मासूम हर्ष नाले में डूब गया। वापस लौटने पर महिला ने हर्ष को घर में तलाश किया। जब हर्ष घर में नहीं मिला तो उसने शोर मचाया। शोर सुनकर पड़ोसियों ने हर्ष की तलाश की। हर्ष को गंभीर घायल अवस्था में नाले से बाहर निकाला और उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी मिलते ही एसडीएम विशम्भरदयाल शर्मा, नायब तहसीलदार महेन्द्र पाल सिंह, एएसआई निर्भय सिंह, हैड कांस्टेबल रामगोपाल सीएचसी पहुंचे और परिजनों को ढांढस बंधाया और कार्रवाई करने आश्वासन दिया। मृत बालक का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंपा।
गुरू पूर्णिमा पर्व पर धार्मिक आयोजनों के चलते मृतक बालक का पिता धर्मेन्द्र हरिद्वार और दादा बनियाराम प्रजापत गिर्राज जी की परिक्रमा देने गये थे। मृत बालक तीन बहनों का इकलौता भाई था।
दलदल से भरे व खुले पड़े हैं नाले
गौरतलब है कि कस्बा के हलैना रोड पर पिछले दो माह से नये नाले का निर्माण कार्य के चलते कस्बे का पूरा पानी बायी ओर के नाले में डाला हुआ था। पडोसियों के अनुसार नाले की काफी समय से सफाई नहीं की गई जिससे नाले में दलदल भरा हुआ है। जबकि लोगों ने लिखित व मौखिक रूप से नाले की सफाई व फेरोकवर लगाने की नगरपालिका में मांग कर रखी है। नगरपालिका प्रबन्धन की लापरवाही के चलते न तो सफाई की गई और न ही फेरोकवर लगाए गए, जिससे मासूम हर्ष की जान चली गई।