भरतपुर

अब सिमको वैगन फैक्ट्री नहीं, बोला जाएगा टीटागढ़ वैगन्स लिमिटेड

-नेशनल स्टाक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड ने दिया आदेश, सिमको बचाओ संघर्ष समिति ने संपत्ति हस्तांतरण पर रोक लगाने की रखी मांग

भरतपुरOct 16, 2020 / 01:39 pm

Meghshyam Parashar

भरतपुर. दशकों से जिस सिमको के नाम से भरतपुर को अलग पहचान मिलती थी, वह नाम अब बदल गया है। चूंकि अब सिमको वैगन फैक्ट्री को टीटागढ़ वैगन्स लिमिटेड कोलकाता में विलय कर दिया गया है। अब उसे टीटागढ़ के नाम से ही जाना जाएगा। सिमको बचाओ संघर्ष समिति ने फैक्ट्री की संपत्ति के हस्तांतरण की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि पिछले करीब एक साल सिमको फैक्ट्री को लेकर बड़ा मुद्दा उठाया जा रहा है। खुद राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग भी इस मामले को लेकर पूर्व में बयान दे चुके हैं।
जानकारी के अनुसार देशभर में सिमको के नाम से भी है भरतपुर की पहचान भरतपुर संभाग मुख्यालय पर भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू के निर्देशन में देश के औद्योगिक विकास की द्वितीय पंचवर्षीय योजना (1952-1957) के तहत करीब 470 बीघा एक बिस्वा लीज की भूमि पर सिमको वैगन फैक्ट्री की स्थापना तत्कालीन भारत सरकार के रेल मंत्री एवं पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री, भरतपुर के पूर्व शासक कर्नल सवाई बृजेंद्र सिंह एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबू राजबहादुर व फैक्ट्री के मालिक उद्योगपति घनश्याम बिरला के सानिध्य में 31 जनवरी 1957 को की गई। इस उद्योग के चालू होने के बाद पांच हजार स्थायी एवं चार हजार ठेकेदार के श्रमिकों को रोजगार मिला और फैक्ट्री के अंदर रेलवे के मालगाड़ी आदि डिब्बों का निर्माण कार्य होने लगा। इसस भरतपुर के साथ-साथ प्रदेश की सरकार को भारी राजस्व मिलने के साथ-साथ स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार मिला। फैक्ट्री के संचालन से शहर के छोटे व्यापारी से लेकर बड़े व्यापारी तक को व्यापार मिला। सिमको फैक्ट्री में 13 नवंबर 2000 को तालाबंदी कर दी गई। यह तालाबंदी 2008 तक चली। उसके बाद टीटागढ़ से समझौते के बाद यह फैक्ट्री चलती रही। अब नेशनल स्टाक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड मुम्बई की ओर से सिमको लिमिटेड कम्पनी को टीटागढ वैगन्स लिमिटेड कोलकाता में विलय कर लिया गया है। सिमको बचाओ संघर्ष समिति के सह संयोजक अशोक जैन ने बताया कि इस विलय की कार्रवाई में उद्योग विभाग राजस्थान सरकार एवं स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने किसी भी प्रकार की कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई, जिसके परिणामस्वरूप सिमको लिमिटेड भरतपुर का नामोंनिशान समाप्त करते हुए टीटागढ वैगन्स लिमिटेड में विलय कर दिया गया। इस विलय की कार्रवाई का विरोध किया जाता रहेगा। सिमको लिमिटेड भरतपुर को टीटागढ वैगन्स लिमिटेड कोलकाता में विलय करने के लिए देश में छपे समाचार पत्रों में नोटिस जारी कर आपत्ति मांगी गई थी जिस पर स्टाक होल्डर की ओर से और न ही राज्य सरकार ने किसी प्रकार की कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई।
मर्ज करने से भरतपुर की यूनिट को मिलेगा फायदा

-डेढ़ साल से नेशनल एनसीएलटी कोर्ट में प्रक्रिया चल रही थी। कोर्ट ने एक अक्टूबर को निर्णय दिया है। सिमको को टीटागढ़ में मर्ज कर दिया है। भरतपुर की फैक्ट्री टीटागढ़ की यूनिट होगी। पहले इसकी वैल्यू माइनस 30 प्रतिशत थी, लेकिन अब 700 से 800 करोड़ रुपए हो जाएगी। टर्न ओवर कम था, बड़े टेंडर में भाग नहीं ले पा रहे थे। अब बड़े टेंडरों में भाग ले सकेगी। डिफेंस आदि के टेंडर अप्लाई करेंगे। ट्रेक्टर यूनिट भी दुबारा शुरू करेंगे। ट्रेड लाइसेंस जिला परिवहन अधिकारी के पास से ले लिया है। विलय होने से भरतपुर की यूनिट को फायदा होगा। बड़े ऑर्डर मिल सकेंगे। जुलाई में ही राज्य सरकार को लिख दिया था कि मर्ज करना क्यों जरूरी है।
मामराज चौधरी
डायरेक्टर, सिमको वैगन फैक्ट्री

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