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भरतपुर

1971 में पाकिस्तान से जीतकर टैंक लाए थे भरतपुर, तीन जवान हुए थे शहीद

-सेना की विजय मशाल भरतपुर पहुंची

भरतपुरDec 26, 2020 / 07:53 pm

Meghshyam Parashar

1971 में पाकिस्तान से जीतकर टैंक लाए थे भरतपुर, तीन जवान हुए थे शहीद

1971 में पाकिस्तान से जीतकर टैंक लाए थे भरतपुर, तीन जवान हुए थे शहीद

भरतपुर. 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध में भारत की पाकिस्तान पर जीत के 50 वर्ष पूरे होने पर विगत 16 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में विजय मशाल जलाकर शुरू की थी। इसमें चार मशाल देश के कई शहरों से होकर आर्मी की ओर से ले जाई जा रही है। शनिवार को यह विजय मशाल मथुरा से 10 दिन रहने के बाद भरतपुर के सेवर फोर्ट पहुंची। जहां उसका स्वागत ब्रिगेडियर वयदीश महाजन ने किया और यह मशाल यहां रहेगी। इस दौरान अनेक कार्यक्रम होंगे। पांच जनवरी को अलवर के लिए रवाना होगी।
तीन दिसंबर 1971 से शुरू हुआ भारत-पाकिस्तान युद्ध 13 दिन तक चला। इसमें भारत की विजय हुई थी और पाकिस्तान की सेना ने भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था और इस युद्ध में जीत की वजह से नए देश बांग्लादेश का निर्माण हुआ था। इस युद्ध के 50 वर्ष पूरे होने पर मथुरा आर्मी यूनिट से विजय मशाल आर्मी यूनिट सेवर फोर्ट पहुंची। भारत-पाकिस्तान के बीच वर्ष 1971 में हुए युद्ध की एक निशानी आज भी राजस्थान के भरतपुर में स्थित गोवर्धन गेट चौराहे की शान व भारतीय फौज की बहादुरी को बढ़ा रहा है। गोवर्धन गेट चौराहे पर पाकिस्तान का वह टैंक रखा हुआ है इसे अमेरिका ने पाकिस्तान को भारत से लडऩे के लिए दिया था, लेकिन पाकिस्तान को हराने के बाद भारत के वीर जवान पाकिस्तान के इस अविजित टैंक को अपने साथ भारत ले आए थे।
अमेरिका ने दिया था पाकिस्तान को टैंक

जानकारी के अनुसार अमेरिका ने पाकिस्तान को इस टैंक को देते समय बताया था कि यह अभिजीत टैंक है और इस पर किसी भी मिसाइल, बम या आग्नेय शस्त्र का असर नहीं हो सकता लेकिन भारतीय फौज के जवानों ने इस पाकिस्तानी टैंक को खाई खोद अपनी छाती पर बम रख इसे ध्वस्त कर पाकिस्तान के मंसूबों पर पूरी तरह से पानी फेर दिया था। वर्ष 1971 में भारत पाकिस्तान के बीच हुए इस युद्ध को भारत ने अपने वीर जवानों के रणकौशल के बलबूते विजय श्री प्राप्त की थी और पाकिस्तान के लगभग 90 हजार सैनिकों ने भारत के सामने आत्मसमर्पण किया था। 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भरतपुर के भी 3 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे और उनकी शहादत को सलाम करते हुए देश के रक्षा मंत्रालय ने पाकिस्तान का यह टैंक बतौर अवार्ड व यादगार बनाने के लिए भरतपुर को दिया था जो आज यह टैंक भरतपुर के गोवर्धन गेट सर्किल की शान बढ़ा रहा है और देश विदेश से आने वाले सैलानी इस टैंक को देखकर भारत के जवानों की शहादत और वीरता को सलाम करते है।

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