भविष्य में यह मिलेगा फायदा अब तक जिले में किसी के घर कोई बच्चा जन्म लेता है या परिवार के किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है तो वह जल्दी से राशन कार्ड में मर्ज नहीं किया जाता। ऐसे में सदस्यों की वही संख्या चलती रहती है। राशन कार्ड तो पुराने ही चल रहे हैं, जबकि जनाधार कार्डों में संख्या बढ़ी या कम हुई है। ऐसे करीब 80 हजार परिवारों को चिह्नित करने का काम किया जा चुका है। भविष्य में जनाधार कार्ड को जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र की वेबसाइट से जोड़ा जा सकता है। ऐसे में जन्म या मृत्यु का कोई भी प्रमाण पत्र बनने पर यह जनाधार से लिंक हो जाएगा। ऐसे में परिवार के सदस्य की संख्या का आंकड़ा हमेशा दुरुस्त रहेगा।
यह तीन खामियां होंगी दुरुस्त – परिवार के सदस्यों की संख्या राशन कार्ड और जनाधार कार्ड दोनों में ही समान की जाएंगी। – यदि नाम की कोई त्रुटि है तो उसे दुरुस्त किया जाएगा।
– जिस परिवार के पास जनाधार नहीं है, उसका कार्ड बनाया जाएगा। इनका कहना है जनाधार को राशन कार्ड की मान्यता के लिए कवायद की जा रही है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिले में नगर, रूपवास एवं सेवर पंचायत समिति के साथ नगरपालिका वैर को लिया है। इनमें कवायद शुरू हो गई है। जल्द ही यह योजना मूर्त रूप लेगी।
– सुभाषचन्द्र गोयल, जिला रसद अधिकारी
– सुभाषचन्द्र गोयल, जिला रसद अधिकारी