भरतपुर

वाह री सरकार…जहां ते करोडऩ की कमाई है वहां पै हू विकास के काजन में कंजूसी

-डीएमएफटी के तहत जमा राशि कौ मामलौ, पहली बार आज होयगी गर्वनिंग काउसिंल डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउण्डेशन ट्रस्ट की बैठक

भरतपुरApr 01, 2021 / 10:47 am

Meghshyam Parashar

वाह री सरकार…जहां ते करोडऩ की कमाई है वहां पै हू विकास के काजन में कंजूसी

भरतपुर. जहां से सरकार के कोष में करोड़ों रुपए की कमाई होती है, वहां पर विकास कार्यों में भी सरकार और प्रशासन कंजूसी बरतने में पीछे नहीं है। राज्य के प्रत्येक जिले में डिस्ट्रिक मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) की स्थापना की गई है। इसमें खनिज विभाग की ओर से प्रत्येक लीजधारी से उसकी रॉयल्टी का का 10 प्रतिशत राशि फंड में कराई जाती है। फंड में करोड़ों रुपए जमा है, लेकिन इस राशि का उपयोग विकास कार्यों में नहीं किया जा रहा है। बताते हैं कि पहली बार एक अप्रेल को दोपहर 12 बजे कलक्ट्रेट सभागार में गर्वनिंग काउसिंल डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउण्डेशन ट्रस्ट की बैठक की अध्यक्षता सरकारी मुख्य सचेतक एवं जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. महेश जोशी करेंगे
जानकारी के अनुसार प्रत्येक जिले में डीएमएफटी की प्रबंध समिति में जिला कलक्टर को अध्यक्ष बनाया गया है। इसके अलावा इसमें खनन अभियंता को सदस्य सचिव, उप वन संरक्षक, कोषाधिकारी, लोक निर्माण विभाग का कार्यपालक अभियंता, सीएमएचओ की ओर से नामित चिकित्सा अधिकारी, राज्य प्रदूषण मंडल का प्रतिनिधि, जिला समाज कल्याण अधिकारी, जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, कृषि विभाग के उपनिदेशक, माध्यमिक व प्रारंभिक जिला शिक्षा अधिकारी, जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता, जनजातीय क्षेत्र विकास विभाग के प्रतिनिधि, जन जातीय क्षेत्र विकास के प्रतिनिधि, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षक अभियंता, जिला श्रम कल्याण अधिकारी, समेकित बाल विकास योजना के उपनिदेशक, सरकार की ओर से नामित खान अभियंता, सहायक खनिज अभियंता, खनिज विभाग में कार्यरत लेखा कार्मिक सदस्य होते हैं। वहीं सरकार इनके अतिरिक्त किसी अन्य व्यक्ति व अधिकारी को भी सदस्य मनोनीत कर सकती है।
इनमें होता है फंड का उपयोग

इस फंड का उपयोग शिक्षा एवं स्वास्थ्य, महिला उत्थान, कौशल विकास, स्वच्छता, ऊर्जा, सिंचाई, वृद्ध व दिव्यांग कल्याण आदि के कामों के लिए किया जाता है। इस फंड से स्कूलों के भवन निर्माण, स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि, आर्थिक सहायता आदि के लिए किए जाने का प्रावधान है।
हर तीन माह में होती है बैठक

जानकारी के अनुसार डीएमएफटी की प्रबंध समिति की हर तीन माह में जिला कलक्टर की अध्यक्षता में एक बार बैठक होना अनिवार्य होती है। इसमें रॉयल्टी फंड में जमा हुई राशि का ब्यौरा व राशि से अब तक कराए गए विकास कार्यों व आर्थिक सहायता के लिए स्वीकृत राशि का ब्यौरा देना होता है। फिलहाल अभी कोई बैठक इस प्रबंध समिति की नहीं हुई है।
अखाड़ा बनती रही है समिति की बैठक

समिति की बैठक को लेकर हमेशा विवाद होता रहा है। करीब दो साल पहले भी तत्कालीन जिला कलक्टर ने जिला परिषद् के उन प्रस्तावों को स्वीकृति देने से इंकार कर दिया था। इसमें एक इलाके के लिए स्वीकृतियां मांगी गई थी। इसको लेकर काफी विवाद भी हुआ था। साथ ही दो विधायकों ने सीएम से यह शिकायत की थी कि जिस इलाके से इस फंड में राशि आती है, उस इलाके को ही विकास कार्यों से दूर किया जा रहा है।
फैक्ट फाइल

जिला राशि (करोड़ में)
भरतपुर 13,7522


-प्रबंध समिति की तीन बैठक हो चुकी हैं। शासकीय समिति की बैठक मेरे कार्यकाल में नहीं हुई थी। वह आज प्रस्तावित की गई है। इसकी अध्यक्षता जिले के प्रभारी मंत्री करेंगे। एक जुलाई 2020 को राज्य सरकार ने आदेश पारित किए थे। इसके बाद इसमें कुछ संशोधन हुआ था। अब यह बैठक हो रही है।
नथमल डिडेल
जिला कलक्टर

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