नेताओं के यहां तबादला अर्जी का दरबार जिले में ज्यादातर विधायक व मंत्रियों के क्षेत्र में आने की सूचना मिलते ही उनके यहां तबादला कराने के इच्छुक शिक्षक आ जाते हैं। हालांकि बड़ी परेशानी यह भी है कि ज्यादातर विधायकों के रिश्तेदार जिला परिषद् सदस्य व पंचायत समिति सदस्य पद का चुनाव लड़ रहे हैं। इसलिए नेताओं का ध्यान भी चुनाव पर है। ऐसे में तबादला अर्जी लेकर आ रहे शिक्षकों को भी सिफारिश में परेशानी आ रही है। बताते हैं कि अंदरुनी बात यह भी है कि इस बार तय किया गया है कि जिस क्षेत्र में शिक्षक तबादला कराना चाहता है वहां के विधायक की डिजायर जरूर मांगी जा रही है। हालांकि ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में ऐसा नहीं है, लेकिन डिजायर को ही तबादला की स्वीकृति के रूप में देखा जा रहा है। इसलिए भी शिक्षक जनप्रतिनिधियों के यहां चक्कर ज्यादा काट रहे हैं।
इनका कहना है -पौने दो साल पहले मिडिल स्कूल से सेकंडरी में स्कूल क्रमोन्नत हुए थे। नियम अनुसार प्रारंभिक शिक्षा के कर्मचारी माध्यम में नहीं जाते हैं। उन्हें वापस से पुराने वाले प्रारंभिक शिक्षा के शिक्षकों को अधिशेष मान लेते हैं, उनको प्रारंभिक के दूसरे विद्यालय दिए जाते हैं। अभी तक उनको काउंसलिंग के जरिए दूसरे विद्यालय आवंटित नहीं किए गए। इसी बीच तबादले खोल दिए। जितने भी स्थान होंगे, उनको बाहर जाना पड़ेगा। इनमें काफी महिला शिक्षक भी हैं। डीपीसी अभी तक नहीं की गई है। डीपीसी करने के बाद फिर से पद खाली होंगे। इससे शिक्षा कार्य और बाधित होगा।
पवन शर्मा प्रदेश संयुक्त सचिव शिक्षक संघ शेखावत