– किसी चालक का लगातार बिना किसी ड्यूटी ऑफ किए कार्य कराना मानवाधिकारों व सरकारी नियमों का उल्लंघन है।
– गाड़ी के किलोमीटर फर्जी दिखाने व डीजल के पैसे हड़पने को आए दिन गाड़ी को जयपुर जाना दर्शाया है।
– जयपुर जाने के लिए किस अधिकारी की परमिशन ली गई। क्या टोल दिया। गाड़ी में फास्ट टैग क्यों नहीं है।
– ज्यादातर बार वाहन को मंत्री के साथ विजिट के लिए दर्शाया है। बीडीओ किस प्रोटोकॉल के तहत गए।
– 1 जनवरी 2022 को लॉग बुक में यात्रा आरंभ करते समय मीटर में 3,59941 किमी. दर्शाए हैं, लेकिन उसी दिन यात्रा समाप्ति पर 3,5006 6 किमी दर्शाकर तय की गई दूरी 125 किमी दर्शाई है। इसमें 3,59999 के बाद 3,6 0000 आना चाहिए, जबकि गबन करने के उद्देश्य से किमी को 35006 6 दर्शाकर 10000 किमी का गड़बड़झाला किया है। इस तरह करीब एक लाख का गबन किया है।
– यह वाहन 12 माह लगातार चलता रहा। खास बात यह है कि 26 जनवरी और 15 अगस्त के दिन भी विकास कार्यों का अवलोकन किया गया।
– गाड़ी की सर्विस, पंचायत की आम सभा की बैठक, कलक्ट्रेट बैठक आदि के दिन भी गाड़ी चलना दर्शाया है।
– मुख्यमंत्री ने 22 मार्च 2020 से व 17 अप्रेल 2021 से लगभग 6 0 दिनों के लिए कम्पलीट लॉकडाउन लगाया था। इसके बाद भी इन दिनों में वाहन को विकास कार्यों के अवलोकन के लिए लगातार चलना दर्शाया है।
– पंचायत समिति चुनाव से पहले वाहन का डीजल खर्च लगभग 17000 रुपए मासिक था, जो पंचायत समिति चुनाव के बाद बढ़कर 40 से 50 हजार रुपए तक हो गया।
– कहीं वाहन का एवरेज 6 .5 किमी प्रति लीटर तथा कहीं 13.5 किमी प्रति लीटर आ रहा है।
– देवेन्द्र फौजदार, विकास अधिकारी पंचायत समिति सेवर