भरतपुर

दिन तो कट जाता है, गुजरती नहीं रात

– जाग-जागकर रात बिता रहे मरीज

भरतपुरJul 06, 2021 / 02:43 pm

Meghshyam Parashar

दिन तो कट जाता है, गुजरती नहीं रात

भरतपुर . अस्पताल प्रशासन की हठधर्मिता ने मरीज एवं उनके परिजनों का दिन का चैन और रातों की नींद छीन ली है। भीषण गर्मी के मौसम में मरीज दिन तो जैसे-तैसे काट भी रहे हैं, लेकिन उन्हें उमस भरी गर्मी के बीच रात गुजारना मुश्किल हो रहा है। अस्पताल ने मरीजों को राहत देना तो दूर गैलरी-बरामदे में लगे पंखों के बिजली कनेक्शन काटकर मरीज एवं उनके परिजनों की आफत बढ़ा दी है। गर्मी में मरीज खासे आहत हो रहे हैं, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हो रही। यह हाल संभाग मुख्यालय के अस्पताल का है। ग्रामीणों में ऐसी सुविधाओं का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है।
जनाना अस्पताल में कूलर खराब हैं तो पंखे भी हवा नहीं दे पा रहे हैं। कई वार्डों में हाल यह हैं कि एक-दो पंखे ही लगे हैं। उनके भी ठीक से हवा नहीं देने के कारण सभी मरीजों तक हवा नहीं पहुंच रही है। कूलर मानो दिखावे भर के लिए ही लगे हैं। कई में पानी भरने का इंतजाम नहीं है तो कई शो-पीस बनकर रह गए हैं। ऐसे में मरीज एवं उनके परिजन हलकान हो रहे हैं, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नजर नहीं आ रहा है। यह हाल तब हैं, जब भरतपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक डॉ. सुभाष गर्ग प्रदेश में चिकित्सा विभाग में राज्यमंत्री के रूप में मुखिया की भूमिका निभा रहे हैं। इसके बाद भी मरीज यहां गर्मी से हलकान हो रह हैं। खास बात यह है कि अस्पताल प्रशासन राहत के लिए भामाशाहों की ओर मुंह ताक रहा है। इस इंतजार में मरीज अस्पताल में पसीने-पसीने हो रहे हैं।
अब लुपिन हरेगी मरीजों की पीर

जनाना अस्पताल में गर्मी से बेहाल मरीजों की सुध अब लुपिन संस्था लेगी। पत्रिका में प्रकाशित खबरों के बाद सोमवार को लुपिन के अधिशासी निदेशक सीताराम गुप्ता ने जनाना अस्पताल जाकर व्यवस्थाओं को जांचने के साथ मरीजों की पीड़ा भी जानी। गुप्ता ने बताया कि पत्रिका में प्रकाशित खबरों के बाद मरीजों के हाल देखे। वाकई अस्पताल में कूलर-पंखों की खासी कमी है। ऐसे मरीज गर्मी से खासे परेशान हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि जनाना अस्पताल को 26 जून को तीन एसी दिए जा चुके हैं। अब दो और एसी लेबर रूम के लिए दिए जाएंगे। अधिशासी निदेशक गुप्ता ने बताया कि जनाना में फिलहाल 60 पंखों की जरूरत है। मरीजों को सुविधा देने के लिहाज से लुपिन संस्था और हरी इंडस्ट्रीज मिलकर इस काम को करने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही अन्य भामाशाहों की मदद भी ली जा सकती है। उन्होंने बताया कि मरीजों को राहत देने के लिए हर जतन किए जा रहे हैं। जल्द मरीजों की सहूलियत के लिए यहां व्यवस्थाओं को बेहतर किया जाएगा।
यह बोले मरीज और परिजन

जनाना अस्पताल के शिशु वार्ड में पुत्र भर्ती है। तेज उमस भरी गर्मी के कारण बहुत परेशानी हो रही है। अस्पताल प्रशासन की ओर से बरामदे में लगे पंखे के तार भी काट दिए हैं। ऐसे में मरीज आखिर कहां जाएं।
– शिवराम सिंह, पान्हौरी डीग

पुत्री की तबीयत खराब होने पर उसे भर्ती कराया है। वह यहां पांच दिन से भर्ती है। एक हॉल में 2 पंखे लगे हुए हैं, जो बहुत धीमी गति से चल रहे हैं। रात्रि को बहुत उमस रहती है। इससे मरीज परेशान हो रहे हैं।
– कल्पना, तलछेड़ा नदबई

वार्ड में लगा था पंखा बहुत ही धीमा चल रहा है। इसलिए हाथ के पंखे से हवा करनी पड़ रही है। भीषण गर्मी के बीच जीना दूभर हो रहा है। अस्पताल में कहने के बाद भी सुनवाई नहीं हो रही है।
– रूबी, हंतरा

अस्पताल में 20 दिन से पुत्र एनआईसीएन वार्ड में भर्ती है। गर्मी से काफी परेशान हैं। मरीजों को राहत देने के लिए अस्पताल प्रशासन को कोई व्यवस्था करनी चाहिए।

– शोभा, अनाह गेट
भयंकर गर्मी के बीच मरीज पसीने से तरबतर हो रहे हैं। सिवाय गर्मी में मरने के कोई चारा भी तो नहीं है। अब हाथ के पंखे से हवा करत-.करते हाथ में दर्द हो जाता है।
– मनीषा, सतवाड़ी कामां

बेटी पूजा की डिलीवरी शनिवार को हुई थी। गर्मी से हाल-बेहाल हो गया है। गर्मी के कारण पीठ पर घमोरिया निकल आई हैं, लेकिन यहां राहत के इंतजाम नहीं हैं।
– दयावती, भर्ती मरीज की मां

चिकित्सालय में गर्मी से बचने के लिए कोई सुविधा नहीं है। प्रशासन की ओर से इस भीषण गर्मी में बचने का कोई इंतजाम नहीं किया गया है। पंखे भी धीमे-धीमे चल रहे हैं।
– रेशम, सोगर

तीन माह के पुत्र की तबीयत खराब हो गई थी। इसलिए वार्ड में भर्ती हैं। दिन तो निकल जाता है, लेकिन रात को गर्मी के कारण रुकना मुश्किल हो जाता है।
– कृष्णा, नगला सेहू भरतपुर

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