इस मौके पर पुलिस व सेना के जवानों ने सलामी गारद व मातमी धुन बजा सलामी दी। इससे पहले शहीद राकेश गुर्जर की अंतिम यात्रा में आसपास के कई गांवों के सैकड़ों की तादाद में लोग, सैनिक व अधिकारी शामिल हुए। भीड़ अंतिम विदाई में लोग जब तक सूरज चांद रहेगा राकेश तेरा नाम रहेगा जयकारे लगाते हुए चल रहे थे। इससे पहले शहीद राकेश की पार्थिव देह दिल्ली से पैतृक गांव हथैनी पहुंचा तो माहौल गमगीन हो गया।
शहीद की वीरांगना सूरजमुखी, बच्चे और परिजन बिलख पड़े और परिजन शहीद की देह से लिपट कर गए। यह दृश्य देख आसपास लोगों की आंखे नम हो गई और ग्रामीणों ने परिजनों को ढांढ़स बंधाया। शहीद को चिकित्सा राज्यमंत्री डॉ.सुभाष गर्ग, जिला कलक्टर हिमांशु गुप्ता, जिला सैनिक कल्याण बोर्ड के अधिकारी कर्नल केवीएस ठेनुआ समेत अन्य प्रशासनिक अधिकारियों ने पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
वहीं, सेना और राजस्थान पुलिस के सिपाहियों ने सलामी दी और बड़े बेटे तस्यम ने शहीद पिता को मुखाग्नि दी। शहीद फौजदार के परिवार में उनकी वीरांगना सूरजमुखी, बड़ा बेटा तस्स्यम (17), बेटी भारती (15) और सबसे छोटा बेटा वौदेश (13) हैं।