script…पहले ऑपरेशन में नहीं रुका खून बहना, दूसरा करते ही मौत, हंगामा | The blood did not stop in the operation, died after doing the second | Patrika News
भरतपुर

…पहले ऑपरेशन में नहीं रुका खून बहना, दूसरा करते ही मौत, हंगामा

-शहर के एक निजी अस्पताल का मामला, परिजनों ने की रिपोर्ट दर्ज कराने की मांग, पांच थानों की पुलिस ने संभाला मोर्चा

भरतपुरApr 23, 2022 / 09:40 am

Meghshyam Parashar

...पहले ऑपरेशन में नहीं रुका खून बहना, दूसरा करते ही मौत, हंगामा

…पहले ऑपरेशन में नहीं रुका खून बहना, दूसरा करते ही मौत, हंगामा

भरतपुर. शहर के एक निजी अस्पताल में शनिवार सुबह उस समय बड़ा हंगामा हो गया, जब अस्पताल में उपचार के दौरान कुम्हेर की एक महिला की मौत हो गई। परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। साथ ही काफी कहासुनी भी हुई। हालांकि शहर के पांच थानों की पुलिस ने मौके पर पहुंच कर भीड़ को संभाला। अभी आरोपों को लेकर विरोधाभास की स्थिति बनी हुई है। जहां अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि डॉक्टरों ने समय के अनुसार उस समय जो उचित था, वह महिला का जीवन बचाने के लिए किया। बाकी महिला की हालत खराब हो चुकी थी।
जानकारी के अनुसार कुम्हेर के हेलक गेट निवासी विमलेश सैनी पत्नी मोतीलाल सैनी (32) को कुछ दिन से पेट दर्द की शिकायत हो रही थी। इसलिए उसका पति 21 अप्रेल को पत्नी को मुखर्जी नगर स्थित एक निजी हॉस्पिटल में दिखाने के लिए लाया। जहां डॉक्टरों ने सोनोग्राफी कराने के बाद उसके पेट में पथरी बताते हुए ऑपरेशन कराने की सलाह दी। ऑपरेशन कराने के लिए स्वीकृति देने पर वहां उसी दिन राजस्थान मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से दूरबीन से ऑपरेशन किया गया। परिजनों का आरोप है कि ऑपरेशन के बाद भी महिला को असहनीय पेट दर्द नहीं रुका और खून बहना बंद नहीं हुआ। इसके बारे में जब डॉक्टरों को बताया तो उन्होंने 22 अप्रेल को दूसरा ऑपरेशन कराने की सलाह दी। रात 10 बजे बाद दूसरा ऑपरेशन किया गया, लेकिन इसके कुछ घंटे बाद ही महिला की मौत हो गई। महिला की मौत की सूचना पाकर मौके पर बड़ी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। परिजनों ने हंगामा करते हुए आरोप लगाया कि अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण मौत हुई है। प्रदर्शन की सूचना पाकर मौके पर कोतवाली, मथुरा गेट, उद्योगनगर, सेवर, अटलबंध व कुम्हेर थाना पुलिस मौके पर पहुंची। जहां काफी देर तक परिजनों को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन वह अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने की बात पर अड़े रहे। हालांकि सुबह करीब साढ़े नौ बजे प्रदर्शनकारियों व पुलिस अधिकारियों के बीच सहमति बन गई। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए मृतका के परिजनों को लेकर कोतवाली थाने रवाना हो गई। जबकि पोस्टमार्टम कराने के लिए मृतका का शव आरबीएम अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है। मृतका के दो बच्चे हैं व उसका पति सब्जी की रेहड़ी लगाकर परिवार का गुजारा करता है।
अस्पताल प्रबंधन: डॉक्टरों ने की महिला को बचाने की पूरी कोशिश

इस मामले को लेकर जब पत्रिका ने निजी हॉस्पिटल के संचालक डॉ. लोकेश जिंदल से बात की तो उन्होंने बताया कि 21 अप्रेल को पथरी की शिकायत होने पर महिला को भर्ती किया गया था। जहां पित की थैली में पथरी का ऑपरेशन करने के बाद महिला की हालत ठीक थी, लेकिन अचानक 22 अप्रेल को दोपहर महिला का बीपी डाउन होने लगा। पेट में पानी भरा हुआ था। डॉक्टरों की टीम ने महिला को बचाने के लिए काफी कोशिश की, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। कोई भी डॉक्टर अपने मरीज का जीवन बचाने के लिए लापरवाही नहीं करता है, बाकी सब ईश्वर के हवाले होता है। अस्पताल प्रबंधन ने प्रकरण में कोई लापरवाही नहीं बरती है।
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