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भरतपुर

राज्यमंत्री के साथ मंच पर बैठना पड़ा एसडीएम को भारी

आरएलडी की सभा में मंच पर बैठे एसडीएम, अब कलक्टर ने पूछा कारण-कामां में एक सभा में दो प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के भाग लेने का वीडियो हो चुका वायरल, लेकिन इस बार एसडीएम के मामले ने पकड़ा तूल

भरतपुरFeb 16, 2021 / 12:42 pm

Meghshyam Parashar

राज्यमंत्री के साथ मंच पर बैठना पड़ा एसडीएम को भारी

राज्यमंत्री के साथ मंच पर बैठना पड़ा एसडीएम को भारी

भरतपुर. एक दिन पूर्व गांव पीपला में हुई राष्ट्रीय लोकदल व कांग्रेस के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किसान पंचायत के मंच पर एसडीएम दामोदर सिंह के बैठने का मामला तूल पकड़ रहा है। ऐसे में जिला कलक्टर नथमल डिडेल ने उन्हें नोटिस देकर जबाव मांगा है। उल्लेखनीय है कि कामां में भी कांग्रेस के ऐसे ही एक कार्यक्रम में वहां प्रशासनिक मुखिया व पुलिस के मुखिया के नेताओं के साथ कुर्सी लगाकर बैठने का वीडियो वायरल हुआ था, लेकिन इस मामले में रसूख के दबाव में कोई कार्रवाई नहीं की गई थी, लेकिन इस बार मामला बढ़ता देख नोटिस जारी किया गया है। जानकारी के अनुसार 14 फरवरी को गांव पीपला में किसान पंचायत का आयोजन किया गया था। इसमें राष्ट्रीय लोकदल के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी व राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग मुख्य वक्ता थे। उनके साथ ही एसडीएम दामोदर सिंह भी वहां बैठे हुए थे। यह मामला सामने आने के बाद विपक्षियों ने भी शिकायत कर दी। ऐसे में उन्हें नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
नियम यह…राजनैतिक सभा में सिर्फ कानून व्यवस्था संभालते हैं

बताते हैं कि अगर किसी भी स्थान पर राजनैतिक सभा या ऐसे किसी कार्यक्रम का आयोजन होता है तो किसी भी अधिकारी को वहां मंच पर साथ में बैठने का अधिकार नहीं है। क्योंकि यह नियमों के उल्लंघन की श्रेणी में आता है। चूंकि यह सभा केंद्र सरकार की ओर से पारित कृषि कानूनों के विरोध में की गई थी, इसलिए यह मामला और भी बड़ा होता है।
मेयर ने नियमन के लिए लिखा मंत्री को पत्र

भरतपुर. नगर निगम के मेयर अभिजीत कुमार ने कच्चा परकोटा नियमन संघर्ष समिति की मांग पर नियमन को लेकर स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास विभाग के मंत्री शांति धारीवाल को पत्र लिखा है। इसमें कहा है कि कांग्रेस सरकार की छवि को और सुदृढ़ करने की दृष्टि से इन दो हजार परिवारों को नियमानुसार पट्टे जारी किया जाना आवश्यक है। इससे परकोटे पर बसे हुए करीब दो हजार परिवारों को प्रशासन शहरों के संग अभियान में पट्टे मिलने से लाभ मिल सके। भरतपुर के चारों ओर करीब नौ किमी लंबा और 200 से 250 फुट चौड़ा मिट्टी के कच्चे परकोटे का निर्माण 250 वर्ष पूर्व किया गया था। 1955 से 1980 के बीच नगरपरिषद् ने कुछ भूखंड के रूप में जमीन विक्रय कर पट्टा दे दिए। अब बड़ी संख्या में लोग पट्टों के लिए परेशान हैं।

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