स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 में सिटीजन फीडबैक के आधार पर रैंक भले ही स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 का परिणाम अब आया है, लेकिन 2021 के सर्वे के लिए नगरीय निकायों की कसरत पहले ही शुरू हो चुकी है। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार ने जुलाई से एमआईएस (मैनेजमेंट इंर्फोमेशन) भरवाना प्रारंभ कर दिया है। नए सर्वे में बीते साल के मुकाबले जो बड़ा फर्क आया है, उसके मुताबिक इस बार बाहरी टीम (डायरेक्टर आब्जर्वेशन) सर्वे करने नहीं आएगी। छह हजार अंकों के सर्वे में सिटीजन वाइस से ही रैंकिंग तय की जाएगी। इतना ही नहीं इस बार सर्वेक्षण तीन भाग में होगा। जबकि 2020 में चार भाग में हुआ था। खास बात यह है कि सर्टिफिकेट वले भाग में ओडीएफ और जीएफसी के साथ इस बार वाटर प्लस सर्वे को भी जोड़ा गया है। इसमें शहर से निकलने वाले गंदे पानी का ट्रीटमेंट और उसके वापस उपयोग की स्थिति को भी परखा जाएगा।
निगम प्रशासन का दावा…इसलिए सुधरी रैंकिंग -सफाई टीम की सतत निगरानी, उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग व प्रबंधन कर प्रयास किए गए।
-घर-घर कचरा संग्रहण के कार्य में सुधार हुआ।
-शहर के सभी रहवासी व व्यावसायिक क्षेत्रों में दिन में दो बार निरंतर सफाई का कार्य जारी रहा।
-व्यावसायिक क्षेत्रों में रात्रिकालीन सफाई व्यवस्था में सुधार हुआ।
-शहर के कुछ क्षेत्रों को कचरा पात्र मुक्त भी कराया गया।
-शहर में छोटे-बड़े नाले व नालियों की प्लान बनाकर सफाई कराई गई।
-निरंतर बेहतर प्रयास किए गए। इसका परिणाम 30 अंकों के सुधार के रूप में प्राप्त हुआ है। नगर निगम की ओर से आगामी सर्वेक्षणों में बेहतर परिणाम के लिए प्रयास किए जाएंगे। इसमें मुख्य रूप से केंद्रीयकृत प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना व तरल अपशिष्ठ प्रबंधन के लिए एसटीपी प्लांट शुरू कराया जाएगा।
नीलिमा तक्षक
आयुक्त नगर निगम