फर्जीवाड़े पर लग पाएगी रोक
गेहूं व अन्य सामग्री के वितरण के वक्त गड़बड़ियों की शिकायत के बाद अब विभाग की ओर से वितरण में फर्जीवाड़े को रोकने के उद्धेश्य से ई-केवीईसी सिस्टम की ओर कदम बढ़ाए गए हैं। विभाग अब उचित मूल्य दुकानदारों के माध्यम से जिलें में पात्र लाभार्थियों के परिवार के सभी सदस्यों की ई-केवाईसी करके देखेगा की वास्तव में कितने लोग है जो कि पात्र है, जिनको लाभ मिल रहा है। फर्जीवाड़े की जानकारी के बाद विभाग राशनकार्ड से नाम भी कट कर सकता है। ई-केवाईसी होने के बाद उनका भी नाम राशनकार्ड में से हट जाएगा, जिनकी मौत हो गई और उनके परिजन उनके नाम का राशन यानि गेहूं उठाकर उपभोग कर रहे है। यही नहीं कई खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल परिवारों में ऐसे कई नाम जुड़े हुए हैं, जिनकी बेटियों की शादी हुए कई वर्ष हो गए। ई-केवाईसी होने के बाद उनके नाम स्वत: ही खाद्य सुरक्षा सूची से हट जाएंगे।30 जून से पहले करवाएं केवाईसी
खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल परिवार के सभी सदस्य अपने नजदीक के राशन डीलर के पास अपना आधार कार्ड ले जाएं, वह केवाईसी कर देगा। यदि किसी परिवार का कोई सदस्य कारणवश प्रदेश में किसी दूसरे शहर या स्थान पर है तो वह अपने आधार कार्ड से वहीं किसी राशन डीलर के पास अपनी केवाईसी करवा सकता है। केवाईसी के लिए जरूरी नहीं है कि परिवार के सभी सदस्य राशन डीलर के पास एक साथ ही जाएं। वे 30 जून से पहले अपनी सुविधानुसार कभी भी जाकर केवाईसी करवा सकते हैं। जबकि कई राशन डीलर भ्रम फैला रहे हैं कि परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ आना होगा, तभी उनकी केवाईसी होगी, जबकि ऐसा जरूरी नहीं है।न्यायालय ने किए आदेश जारी
सर्वोच्च न्यायालय ने खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल राशनकार्डधारी परिवारों में कई सदस्यों के फर्जी नाम जुड़ने से खाद्य सुरक्षा सूची में नाम जोड़ने की लिमिट पूरी हो चुकी है, इससे कई असल नाम रह गए है। दो वर्ष से नाम जोड़ने वाली साइट बंद पड़ी है। ऐसे में विभाग को 30 जून तक सूची में नाम शामिल कर उनकी रिपोर्ट न्यायालय में पेश की जाएगी। अपात्र व्यक्तियों (यथा मृतक, बेटियों की शादी, पलायन) के फ़र्ज़ीवाडे को रोक लगाने के लिए विभाग खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल परिवार के सभी सदस्यों की आधार कार्ड से राशन डीलर के पास जाकर पोस मशीन में ई-केवाईसी करवाना जरूरी है। यदि 30 जून तक केवाईसी नहीं करवाई तो केवाईसी नहीं करवाने वाले सदस्य की राशन सामग्री बंद हो जाएगी।
- प्रदीप कुमार शर्मा, प्रवर्तन निरीक्षक, रसद विभाग डीग
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