इससे पहले 29 साल पहले वर्ष 1994-95 में शहर के शैलेष डीगिया ने देश में तीसरी रैंक प्राप्त की थी। इसके बाद टॉप थ्री में जगह बनाने वालों में मधुर रहे हैं। बताते हैं कि अब तक इस रिकॉर्ड को कोई नहीं तोड़ सका था। स्वास्थ्य मंदिर के संरक्षक और मधुर के ताऊ त्रिलोकचंद जैन ने बताया कि मधुर जैन पुत्र स्व. पदमचंद जैन मूल रूप से जुरहरा के निवासी हैं। मधुर ने बगैर किसी कोचिंग के पढ़ाई कर पूरे भारतवर्ष में भरतपुर का नाम रोशन किया है।
मधुर जैन शुरू से ही पढऩे में होशियार रहा है। मधुर जैन के बड़े भाई प्रियंकर जैन ने भी वर्ष 2020 में चार्टर्ड अकाउंटेंट की परीक्षा में भारत में छठवां स्थान प्राप्त किया था। मधुर ने 800 में से 619 अंक हासिल कर टॉप किया है। मधुर जैन के बड़े भाई प्रियंकर जैन ने भी वर्ष 2020 में चार्टर्ड अकाउंटेंट की परीक्षा में भारत में छठवां स्थान प्राप्त किया था। मधुर ने 800 में से 619 अंक हासिल कर टॉप किया है।
बोले…कमजोरी को बनाओ ताकत
मधुर ने पत्रिका से बातचीत में कहा कि इतनी बड़ी परीक्षा के लिए आपको शुरू से ही फोकस करना होता है। शुरुआत के दिनों में मधुर ने पांच से छह घंटे नियमित पढ़ाई की। इसके बाद परीक्षा के अंतिम दिनों में यह समय 12 से 13 घंटे तक हो गया। मधुर कहते हैं कि पहले जहां आप वीक हो, उसे ढूंढकर अच्छी तैयारी करो और रिवीजन लगातार जारी रहना चाहिए। मधुर कहते हैं कि अपने लक्ष्य पर फोकस करना ही आपको विजेता बनाता है। मधुर सीएफए-11 टू की तैयारी में जुटे हैं। मधुर की मां गृहिणी हैं।
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सोशल मीडिया से रखी दूरी..तब बन पाए सीए
मधुर ने सफलता के टिप्स पूछने पत्रिका को बताया कि भले ही आप कितनी भी मेहनत करें, अगर आपका मन एकाग्रचित नहीं है तो आपका फोकस लक्ष्य पर नहीं हो सकता है। मैंने परिवार से ही इन सभी बातों को सीखा है। सबसे पहले जरूरी है कि समय पर पढ़ाई और समय पर मनोरंजन होना चाहिए। अगर आप इन दोनों के बीच का फासला ऊपर नीचे नहीं होना चाहिए। वरना् लक्ष्य से भटक सकते हैं। मैंने सोशल मीडिया से ज्यादातर दूरी ही बनाए रखी। क्योंकि इनमें अगर आप उलझते हैं तो उलझते ही चले जाते हैं।
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अब तक 3 सीए रहे टॉप 10 में
1994-95 में शैलेष डीगिया की देश में तीसरी रैंक आई थी। इसके अलावा संजय जैन व सुरेश गोयल टॉप टेन में रहे हैं। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि जुरहरा के मधुर जैन ने देश में पहली रैंक प्राप्त की है। इसका मतलब साफ है कि अब भरतपुर भी सीए बनने में किसी से कम नहीं है। देश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहा है। यह भरतपुर और डीग जिले के लिए गौरव की बात है। अभ्यर्थियों को भी इस कठिन परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।
-अतुल मितल सीए, चेयरमैन सीए भरतपुर ब्रांच