भरतपुर

Rajasthan: अब शिक्षा विभाग के एक और अनोखे फरमान ने बढ़ाई शिक्षकों की मुश्किलें

राजस्थान में शिक्षा विभाग के एक और आदेश से शिक्षकों की मुश्किलें बढ़ गई है।

भरतपुरAug 07, 2024 / 02:35 pm

Lokendra Sainger

धरती को हरा-भरा बनाने की दिशा में सरकार ने बेहद अच्छा कदम उठाया है। हर स्कूल को पौधे लगाने का लक्ष्य दिया है। खानापूर्ति नहीं हो, इसके लिए गड्ढों और पौधों की नाम सहित जियो टैगिंग (यानि ऑनलाइन फीडिंग) करनी है, लेकिन सरकारी शर्त के मुताबिक न तो शिक्षक मोबाइल ला सकते हैं और न ही विद्यार्थी। ऐसे में यह मुसीबत शिक्षकों के गले आ पड़ी है।
सरकार के इस फरमान को बेतुका इसलिए बताया जा रहा है कि प्रदेश भर के स्कूलों में अध्ययनरत 1 से 12वीं कक्षा तक के प्रत्येक बच्चे को पांच पौधे रोपने हैं। अब मुश्किल यह है कि न तो स्कूलों के पास इतनी जगह है कि वह प्रत्येक बच्चे के हिसाब से पौधा लगा सकें और न ही उनकी सुरक्षा के लिहाज से स्कूलों के पास कोई प्रबंध हैं। किसी-किसी स्कूल में बच्चों की संख्या 200 से 300 तक है। ऐसे में कई स्कूलों में तो इस लिहाज से पौधे लगाने की संख्या 1000-1500 तक बैठ रही है। स्कूलों के पास इतनी खाली जमीन नहीं है कि वह इतने पौधे लगा सकें। यदि पौधे बाहर भी लगाएं तो उनकी सुरक्षा की गारंटी कौन लेगा।

बजट नहीं, सरकार विभाग से करार भी नहीं

राजस्थान सरकार ने पौधे लगाने का फरमान तो जारी कर दिया है, लेकिन न तो स्कूलों को इसके लिए बजट दिया है और न ही वन विभाग की नर्सरी से पौधे लेने के लिए स्कूलों को छूट दी है। ऐसे में शिक्षक अपने स्तर पर पौधे खरीदकर यहां-वहां पौधे लगाने का जतन कर रहे हैं। खास बात यह है कि सरकार की ओर से एक तरह से यह महाभियान चला दिया है। सभी स्कूल पौधों के लिए जद्दोजहद करते नजर आ रहे हैं। उन्हें नर्सरी से पौधे नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में कई स्कूलों के शिक्षकों ने बाहर से खुद के पैसे से पौधे मंगाए हैं। कई स्कूल एनजीओ या भामाशाह की मदद से ऐसा कर पा रहे हैं।

कैसे करें जियो टैगिंग

सरकार ने प्रत्येक बच्चे के लिए पौधे लगाने का लक्ष्य तो कर दिया है, लेकिन कुछ जरूरी चीजों को अनदेखा कर दिया है। खास तौर से बच्चों को पौधे लगाने वाले गड्ढे, पौधे का नाम आदि के फोटो सरकार की ओर से बनाए गए एप पर भेजने हैं। अब स्कूलों में न तो शिक्षकों को मोबाइल ले जाने की अनुमति है और न ही शिक्षकों को। ऐसे में बच्चे कैसे फोटो अपलोड करें। खास बात यह है कि पौधों की सुरक्षा तक के लिए कोई उपाय सरकार ने नहीं सुझाए हैं। स्कूलों में इतनी जगह नहीं है। इसको लेकर सरकार भी गंभीर नजर नहीं आ रही है।
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