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भरतपुर

Rajasthan News: राजस्थान में यहां एक ही चिता पर हुआ 7 युवकों का अंतिम संस्कार, रो पड़ा पूरा गांव

गांव से एक साथ सात अर्थियां उठीं तो हर किसी की आंखे आंसुओं में भीग गई। गांव में चूल्हे नहीं जले। हर कोई बच्चों की मौत के गम में डूबा नजर आया।

भरतपुरAug 12, 2024 / 10:05 am

Anil Prajapat

Rajasthan News: भरतपुर। उन्हें इल्म भी नहीं था कि बाणगंगा नदी के टीले पर उनकी जिंदगी की आखिरी सेल्फी होगी। नदी के पानी के साथ जिंदगी के खूबसूरत लम्हों को कैद करने की हसरत उनके परिवार को जिंदगीभर का जख्म दे गई। गांव से एक साथ सात अर्थियां उठीं तो हर किसी की आंखे आंसुओं में भीग गई। गांव में चूल्हे नहीं जले। हर कोई बच्चों की मौत के गम में डूबा नजर आया। बता दें कि बयाना में श्रीनगर गांव के पास बाणगंगा नदी में रविवार दोपहर 2 बजे 7 युवक नहाने के लिए उतरे थे। तभी रील बनाते समय सातों की डूबने से मौत हो गई थी।
बयाना पंचायत समिति की ग्राम पंचायत फरसों के गांव श्रीनगर से गुजर रही बाणगंगा नदी के बहाव में डूबने से सात जनों की मौत ने हर किसी को झकझोर दिया। क्षेत्र में पानी का नजारा देखने के लिए सातों जने एक मिट्टी के टीले पर खड़े होकर मोबाइलों से सेल्फी ले रहे थे। इस दौरान पानी के तेज बहाव के चलते मिट्टी का टीला धंस गए और सभी पानी में गिर गए।
सूचना पर पुलिस-प्रशासन की टीम ने एसडीआरएफ को मौके पर बुलाया और सातों को पानी से मृत अवस्था में बाहर निकाला। मृतकों का पोस्टमार्टम कैलादेवी-झीलका बाड़ा सीएचसी से पुलिस प्रशासन एवं परिजनों की मौजूदगी में कराकर शव परिजनों को सौंप दिए। देर शाम सातों युवकों का एक साथ एक ही चिता पर अंतिम संस्कार किया गया।
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नदी में डूबने से इनकी हुई मौत

मृतकों में पवन जाटव (25) पुत्र उदयसिंह, पवन (24) पुत्र सुगरसिह, सौरभ जाटय (18) पुत्र थानसिंह, शांतु कुमार (20) पुत्र खेमी, लक्खी जाटय (20) पुत्र पीतम, गौरव (18) पुत्र प्रकाश जाटल एवं भूपेन्द्र (20) पुत्र दशरथ शामिल हैं। इनमें से पवन पुत्र उदय सिंह और पवन पुत्र सुगरसिंह विवाहित बताए गए हैं। शेष सभी विद्यार्थी थे, जो कक्षा 12 से लेकर बीए तक में पढ़ते थे।

ऐसा हादसा पहली बार देखा

इस हादसे के बाद गांव में चीख पुकार और मृतक के परिजन और रिश्तेदारों के रोने विलाप करने के चलते गांव में चूल्हे तक नहीं जल सके। स्थानीय समन्दर जाटव ने बताया कि 70 साल की आयु में उन्होंने ऐसा हादसा पहले कभी ना देखा है और ना कभी सुना है। इस हादसे ने आसपास के सैकड़ों गांवों से लोग श्रीनगर पहुंचे है। मृतकों के भाई बहन और मां बाप का रो रोकर बुरा हाल हो गया। वहीं इन मृतकों में दो युवक विवाहित थे। जिनकी पत्नी इस हादसे में कई बार रो रोकर बेहोश हो गई। उन्होंने बताया कि सभी बाणगंगा नदी में नहाने की कहकर गए थे। मृतक एक ही गांव के और कुम्टुब परिवार के होने के नाते एक साथ सात जनों की अर्थियां उठी। इसके चलते परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया।
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परिजनों को पांच-पांच लाख मुआवजा दिलाने का भरोसा

प्रशासन की ओर से मुख्यमंत्री सहायता कोष से मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपए का मुआवजा दिलाने का भरोसा दिलाया है। मृतकों की आयु 18 से 25 साल के बीच है तथा सभी गांव श्रीनगर के रहने वाले हैं। इनमें से दो विवाहित थे। शेष पांचों विद्यार्थी बताए जा रहे हैं। सूचना पर जिला कलक्टर डॉ. अमित यादव, एडीशनल एसपी ब्रजेन्द्र सिंह भाटी, एसडीएम राजीव शर्मा, तहसीलदार विनोद मीणा, सांसद संजना जाटव, विधायक डॉ. ऋतु बनावंत सहित बड़ी तादाद में आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। घटना की जांच कराए जाने को लेकर भी जिला कलक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिए है। प्रशासन ने इस पटना के बाद अब नदी एवं पोखरों सहित आस पास पानी के वहाब वाले क्षेत्रों में लोगों को जाने से रोका जाएगा और मोबाइलों पर सेल्फी नहीं लेने के लिए पाबंद किया जाएगा।
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