मुख्य अतिथि जल संसाधन मंत्री चौधरी ने कहा कि महाअधिवेशन में राज्य के कर्मचारी संवर्ग के सभी सगठनों ने भाग लेकर महासंघ में एकता संगठन में अपनी संप्रभुता को दर्शाया है। किसी संघ, संस्था एवं संगठन में अपने कर्मचारियों की मांगों को सरकार के समक्ष रखना एकता का परिचायक है।
उन्होंने कहा राजस्थान सरकार कर्मचारियों के साथ है। कर्मचारी सरकार की योजनाओं को धरातल तक पहुंचाने का कार्य करते हैं, जो एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने कहा कि मैं कर्मचारियों का वकील हूं, आपके हितों की रक्षा के लिए सरकार से पैरवी करूंगा। दो दिवसीय महाअधिवेशन में यूपीएस का विभिन्न कर्मचारी संघठनों ने कड़ा विरोध किया।
प्रदेश अध्यक्ष महावीर शर्मा एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि इस महाअधिवेशन में राज्य के सभी विभागों से कर्मचारी संगठनों ने भाग लेकर महासंघ की शक्ति का प्रदर्शन किया है। शीघ्र ही जिला एवं संभाग स्तर पर कर्मचारी सम्मेलन किए जाएंगे। नकली एवं कागजी संगठनों को सरकार वार्ता के लिए आमंत्रित कर कर्मचारी संगठनों में फूट डालने का प्रयास कर रही है। राज्य के आठ लाख कर्मचारियों का नेतृत्व करने वाला एक मात्र यही सयुक्त महासंघ है। ओपीएस को लेकर राज्य सरकार अपनी मंशा जाहिर नहीं कर रही। केन्द्र सरकार यूपीएस स्कीम को लागू करना चाहती है।
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कर्मचारी संयुक्त महासंघ भरतपुर के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र शर्मा ने कहा कि केन्द्र सरकार कर्मचारियों को पेंशन के नाम पर एनपीएस से मिलती-जुलती यूपीएस स्कीम को थोपना चाहती है। केन्द्र सरकार वन नेशन, वन इलेक्शन की तर्ज पर वन नेशन, वन पेंशन की नीति पर चलते हुए पुरानी पेंशन योजना को अविलंब लागू करे। यदि यूपीएस स्कीम के तहत पेंशन इतनी अच्छी है तो विधायक व सांसद भी पुरानी पेंशन स्कीम को त्याग कर यूपीएस स्कीम की पेंशन लेना शुरू करें। राज्य सरकार द्वारा विधानसभा में की गई घोषणा वेतन विसंगति परीक्षण समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर उसकी सिफारिशों को अविलंब लागू करे। महासंघ के मीडिया प्रभारी प्रेम मंगल ने कहा कि सरकार पीएफआरडीए बिल को निरस्त करें। कर्मचारियों की वेतन विसंगति दूर करे। साथ ही आठवें वेतन आयोग का शीघ्र गठन करने, राज्य सरकार पूर्व किए गए समझौते लागू करने की मांग जोर-शोर से उठाई। इस मौके पर महामंत्री बृजमोहन शर्मा एवं जिला मंत्री भूदेव छौंकर एवं एलएचबी संघ की प्रदेश अध्यक्ष कमला मीणा ने विचार व्यक्त किए।