ज्ञापन में कहा कि प्रदेश में सभी विद्युत निगमों में कार्यरत कनिष्ठ अभियंता प्रथम कई वर्षों से वेतन विसंगति और एसीपी विसंगति से जूझ रहे हैं। विद्युत प्रशासन की ओर से 185 कॉर्डिनेशन कमेटी में विसंगति निवारण का अनुमोदन किया हुआ है। जुलाई 2022 में ऊर्जा विभाग की ओर से बिजली निगमों के कनिष्ठ अभियंताओं की वेतन और एसीपी विसंगति की उच्च कमेटी रिपोर्ट को राजस्थान सरकार को प्रेषित किया हुआ है, लेकिन अब तक न तो वेतन विसंगति सही हुई है और न ही राजस्थान सरकार की ओर से देय एमएसीपी आदेश को बिजली निगमों ने निगम सेवा नियमों के अनुरूप लागू किया है।
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ज्ञापन में मुख्य रूप से बिजली निगमों के कनिष्ठ अभियंताओं को 9 साल बाद प्रथम एमएसीपी प्रमोशनल (एल-14) देने, कनिष्ठ अभियंताओं की वेतन विसंगति को 185 कॉर्डिनेशन कमेटी में की गई सिफारिशों और जुलाई 2022 में भी ऊर्जा विभाग की ओर से उच्च कमेटी रिपोर्ट की सिफारिशों के अनुरूप लागू करने की मांग की गई। पिछले 14 सालों से डिग्री होल्डर इंजीनियर जेईएन (ई एंड एम) का प्रमोशन नहीं हो रहा है। कई निगमों में 2010 बैच आज 14 साल से प्रथम प्रमोशन को तरस रहा है, जबकि तकनीकी कर्मचारियों और अन्य सब संवर्गों को समय से प्रमोशन दिया जा रहा है। निगमों के अभियंता वर्ग में भी टाइम बाउंड प्रमोशन लागू किया जाए, डिस्कॉस में कनिष्ठ अभियंता एवं कर्मचारियों के साथ आमजन की ओर से आए दिन मारपीट के प्रकरण बढ़ रहे हैं, जिनकी रोकथाम के लिए सुरक्षा बिल लाया जाए, प्रसारण निगम में ग्रिड स्टेशन पर काम कर रहे कनिष्ठ अभियंताओं से जीएच या अन्य दिनों में अतिरिक्त कार्य के एवं में उपार्जित सीसएल और सीआर लेने के आदेश की गलत व्याया निकाल गलत रिकवरी की जा रही है। ज्ञापन में शीघ्र ही कनिष्ठ अभियंताओं की लंबित मांगों का निस्तारण करने की मांग की है। ऐसा नहीं करने पर 9 अक्टूबर से संघठन की ओर से आंदोलन की चेतावनी दी है। ज्ञापन देने वालों में संभागीय अध्यक्ष दीपक सिंह आदि मौजूद रहे।