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भरतपुर

अवैध वसूली प्रकरण पर प्रशासन ने पल्ला झाड़ा, पुलिस ही करेगी जांच

-रास्ते की मरम्मत व पानी का छिड़काव कराने के नाम पर अवैध वसूली का मामला-खनि कार्यदेशक भीमसिंह को हटाया, एसएमई ने एमई को लिखा पत्र

भरतपुरJul 25, 2020 / 07:59 pm

Meghshyam Parashar

अवैध वसूली प्रकरण पर प्रशासन ने पल्ला झाड़ा, पुलिस ही करेगी जांच

अवैध वसूली प्रकरण पर प्रशासन ने पल्ला झाड़ा, पुलिस ही करेगी जांच

भरतपुर/पहाड़ी. नांगल क्रशर जोन में रास्ते में पानी का छिड़काव व सड़क की मरम्मत कराने के नाम पर हो रही अवैध वसूली के मामले में अब प्रशासनिक अधिकारी भी पल्ला झाड़ रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि अगर रास्ता रोका जाता है तो प्रशासन कार्रवाई कर सकता है, लेकिन जब मामला थाने में पहुंच चुका है तो पुलिस को ही जांच कर उचित कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही एसीबी को भी सूचना देनी चाहिए। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने 21 जुलाई के अंक में रास्ते के नाम पर माफिया कर वाहनों से अवैध वसूली शीर्षक से समाचार प्रकाशित कर मामले का खुलासा किया था। इधर, अवैध खनन व खंडित अधिशुल्क ठेका क्षेत्रों से आ रही शिकायतों के बाद खनि कार्यदेशक भीमसिंह को वहां से हटाकर अन्यत्र भेजा गया है। साथ ही एसएमई की ओर से भी एमई को पत्र लिखा गया है। पत्र में कहा है कि तहसील पहाड़ी व नगर में प्रभावशील खनन पट्टों से निर्गमित खनिज मैसेनरी स्टोन का अधिक अधिशुल्क ठेका प्रभावी नहीं होने के कारण अवैध खनन की रोकथाम व निर्गमन की प्रभावी रोकथाम के लिए राजस्व अपवंचन को रोकने के लिए क्या प्रयास किए गए हैं, उनसे अवगत कराएं। साथ ही इन क्षेत्रों में अवैध खनन सामग्री से भरे वाहनों को रोकने के लिए चैक पोस्ट व नाके लगाएं। उल्लेखनीय है कि होमगार्ड के जवान उपलब्ध होने के बाद भी अभी नाके नहीं लगाए गए हैं। ऐसे में अवैध खनन सामग्री से भरे वाहन आसानी से निकल रहे हैं। जबकि नाके स्थापित करने का कार्य करीब एक माह पूर्व ही हो जाना चाहिए था।
सारे दस्तावेज फिर भी बचाव में जुटे हैं अधिकारी

एक एसोसिएशन की ओर से जितने भी पत्र रास्ते की मरम्मत व पानी का छिड़काव कराने के नाम पर संबंधित क्रशर संचालकों को लिखे गए थे, वो सभी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके हैं। इनमें हस्ताक्षर समेत सभी आवश्यक साक्ष्य मौजूद हैं। साथ ही एक ट्रक चालक की ओर से रिपोर्ट भी पहाड़ी थाने में दर्ज कराई गई है। अब सवाल यह उठता है कि इतना कुछ होने के बाद भी कहीं न कहीं बचाव का खेल चल रहा है। चूंकि खुद प्रशासनिक अधिकारी यह बात कह चुके हैं कि अगर अवैध वसूली के लिए सरकारी रास्ता रोका जाएगा तो प्रशासन कार्रवाई करेगा। मामला जब थाने पहुंच चुका है तो पुलिस की ही जिम्मेदारी बनती है कि संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई करे।
पिछले दो महीने से नहीं हुई है अवैध खनन के खिलाफ बड़ी कार्रवाई

हकीकत यह है कि सीएमओ के दखल के बाद करीब डेढ़-दो महीने पहले अवैध खनन के खिलाफ छिटपुट कार्रवाई कर खानापूर्ति की गई थी। इसके बाद अब तक कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि अब लॉकडाउन के बाद से ही अवैध खनन बड़े स्तर पर हो रहा है। खुद संबंधित विभागों के अधिकारी भी सबकुछ जानने के बाद भी अनजान बने हुए हैं। इससे सरकार को भी लाखों रुपए रोज राजस्व की हानि का सामना करना पड़ रहा है।
-हमारी ओर से पूरी कोशिश की जा रही है। अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई में यहां स्थानीय स्तर पर सहयोग नहीं मिलता है। बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अब यहां चैकपोस्ट व नाकों को मजबूत कर पुलिस व होमगाड्र्स के सहयोग से कार्रवाई की जाएगी।
तेजपाल गुप्ता
खनि अभियंता खान एवं भू-विज्ञान विभाग
-अवैध खनन व मेवात में अपराध का ग्राफ बढ़ रहा है। योजनाओं में खुलेआम भ्रष्टाचार किया जा रहा है। सरकारी रास्ते के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है। प्रशासनिक व पुलिस अधिकारी सबकुछ जानकर भी राजनैतिक दबाव के कारण कार्रवाई करने से पीछे हट रहे हैं। इलाके में कानून व्यवस्था बिगड़ती जा रही है। इसलिए कार्यकर्ताओं ने एक दिन पहले ही एसडीएम को ज्ञापन देकर कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी थी। अब जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।
रविंद्र जैन
पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा

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