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भरतपुर

हर साल चोरी होती है एक करोड़ रुपए की भैंस, पुलिस नहीं कर पाती 10 फीसदी की भी बरामदगी

प्रदेश में सबसे ज्यादा अलवर व जयपुर के बाद हमारे यहां भैंस चोरी, ज्यादातर केस थानों में भी नहीं होते दर्ज

भरतपुरDec 23, 2019 / 12:56 pm

Meghshyam Parashar

हर साल चोरी होती है एक करोड़ रुपए की भैंस, पुलिस नहीं कर पाती 10 फीसदी की भी बरामदगी

हर साल चोरी होती है एक करोड़ रुपए की भैंस, पुलिस नहीं कर पाती 10 फीसदी की भी बरामदगी

भरतपुर. जानकर आश्चर्य होगा कि भरतपुर जिले में हर साल एक करोड़ रुपए की भैंस चोरी हो जाती है। अमूमन इस समय एक भैंस की कीमत एक लाख रुपए से कम नहीं है। ऐसे में करीब 100 से भी अधिक भैंस चोरी के मामले थानों में दर्ज किए जाते हैं लेकिन इनमें से 10 फीसदी की भी बरामदगी नहीं हो पाती है। क्योंकि ज्यादातर केस में पुलिस के गिरोह तक पहुंचने से पहले ही पीडि़त फिरौती देकर भैंस ले आते हैं। यही कारण है कि इस साल जिले में 26 मामले ही थानों तक पहुंचे, इनमें से सिर्फ चार केस में ही भैंस बरामद हो सकी। वह भी ग्रामीणों के सहयोग से संभव हो सका। अगर दूसरे नजरिए से बात करें तो जितने केस थानों में दर्ज होते हैं। उससे कई गुना केस में पड़ताल करने पर सामने आया कि ग्रामीण पुलिस के बजाए खुद ही खूंटैलों के पास जाकर फिरौती देकर भैंस वापस ले आते हैं। नदबई, डीग, नगर व कामां के ग्रामीण इलाकों में यह आम बात है। फिलहाल भैंस जिले की पुलिस के लिए ही नहीं बल्कि प्रदेश की पुलिस के लिए सिरदर्द बन गई है। उनके चोरों को पकड़ नहीं पाने पर पुलिस को विरोध-प्रदर्शन भी झेलने पड़े हैं। प्रदेश में भैंस चोरी के कई अनोखे मामले सामने आए हैं जो चर्चा के विषय बने। वर्ष 2019 में अब तक प्रदेशभर में भैंस चोरी के 132 प्रकरण दर्ज हुए, इनमें 310 भैंस चोरी होनी बताई गई हैं। पुलिस ने भी सब काम छोड़कर मुस्तैदी दिखाते हुए 89 भैंस बरामद की हैं।
अगस्त से जनवरी माह में भैंस चोरी ज्यादा
अगर पिछले मामलों की पड़ताल करें तो सामने आता है कि सबसे ज्यादा भैंस चोरी के मामले अगस्त माह से लेकर जनवरी माह तक सामने आते हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि बारिश व सर्दी के मौसम के समय लोग बाहर आंगन व भैंसों की रखवाली के बजाए घरों में ही सोते हैं। इसलिए गिरोह के लिए भैंस चोरी करना भी आसान हो जाता है।
कहां-कितने केस में बरामद हुईं भैंस

प्रदेशभर में भैंस चोरी की वारदातों के आंकड़े व बरामदगी नजर डालें तो रोचक मामले निकल कर सामने आए। अलवर व जयपुर के बाद भैंस चोरी के मामलों में भरतपुर का नाम सामने आता है, जहां सर्वाधिक केस सामने आए हैं। यह वो ही केस हैं जो कि थानों में दर्ज होते हैं। बाकी कितने ही केस में पीडि़तों का मानना है कि पुलिस कोई कार्रवाई ही नहीं करती है इसलिए केस ही दर्ज नहीं कराया जाता है। उदयपुर में पांच प्रकरणों में से पांच भैंस बरामद हुई। भरतपुर में 26 में से चार, अजमेर में नौ में से छह, अलवर में 37 में से तीन, करौली में 19 में से आठ, कोटा ग्रामीण में 30 में से 11, चित्तौडगढ़ में तीन में से तीन, चूरू में पांच में से एक, जयपुर ग्रामीण/दक्षिण/पूर्व/पश्चिम में 76 में से आठ, झुंझुनूं में सात में से शून्य, टोंक में तीन में से शून्य, डूंगरपुर में चार में से चार, दौसा में तीन में से एक, धौलपुर में छह में से एक, नागौर में छह में से दो, पाली में 17 में से शून्य, प्रतापगढ़ में दो में से दो, बांसवाड़ा में छह में से छह, बारां में 11 में से 10, भीलवाड़ा में छह में से शून्य, राजसमंद में 14 में से 14, सिरोही में चार में से शून्य, सीकर में छह में से शून्य, हनुमानगढ़ में दो में से शून्य बरामदगी हुई। कुल 310 प्रकरणों में से सिर्फ 89 भैंस ही बरामद हो सकी हैं।
केस नंबर 1.

आठ जनवरी 2019 को डीग के दहवा गांव में रात को चोर सोबरन सिंह के नोहरे में बंधी दो भैंसों को चोरी कर ले गए। ग्रामीणों ने पद चिन्हों के आधार पर चोरों का पीछा करते हुए खेड़ा कारोली गांव में करन मीणा के घर पहुंचकर भैंसों को पहचान लिया और भैंसों को ले जाने लगे तो विष्णु और उसके परिजनों ने दहवा गांव के लोगों पर लठिया से हमला कर दिया।
केस नंबर 2.

11 अगस्त 2019 को नगर कस्बे के जाटव मोहल्ला में रिटायर्ड गिरदावर की भैस को चोरी कर ले जा रहे चोरों का सामना करने पर चोरों ने तीन राउण्ड फायरिंग की। एक ही रात में दो भैस की चोरी की वारदातों को अंजाम दिया गया था। इस केस में खूंटैल का नाम सामने आया था।
केस नंबर 3.

सात सितंबर 2018 को कामां थाने के गांव सतवाड़ी निवासी ने तीन भैंसों के चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें यह भी बताया था कि बदमाशों की ओर से भैंस वापस देने के एवज में एक लाख रुपए की फिरौती मांगी गई है।
प्रदेशभर में सामने आए भैंस के रोचक मामले

-जयपुर क्षेत्र के शिवदासपुरा थाना क्षेत्र के कुछ गांवों में भैंस चोर सक्रिय थे। चोर मध्यरात्रि में भैंस उठाकर ले जाते थे। ऐसे में लोगों ने रात को सोना ही बंद कर दिया था। कई महीनों तक वे बारी-बारी से भैंस की रखवाली के लिए सुरक्षा व्यवस्था करते थे।
-जयपुर के चंदवाजी थाना क्षेत्र के जयचंदपुरा गांव में तीन परिवारों की भैंस को चोर उठा ले गए। मामला दर्ज होने के बाद भी पुलिस चोरों को नहीं पकड़ पाई। ऐसे में ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में शामिल होकर उस समय के अटल सेवा केंद्र पर ताले जड़ दिए।
-वर्ष 2012 में शिनाख्त के लिए भैंस कोटा की अदालत में पेश हुई। पशुपालक हीरालाल गुर्जर की चोरी हुई भैंस जब नवलसिंह के घर मिली तो उसे गिरफ्तार किया गया, लेकिन नवल ने चोरी का आरोप खारिज किया तो कोटा अदालत ने हीरालाल को भैंस के साथ पेश होने का फरमान सुनाया। इतना ही नहीं भैंस को बकायदा पहचान के लिए अदालत में लाया गया।
-वर्ष 2016 में कुचेरा कस्बे में एक घर से भैंस चोरी होने पर करीब 200 लोगों ने थाने का घेराव कर दिया था।

-वर्ष 2015 में भरतपुर के डीग क्षेत्र में रामकिशन की भैंस ने पड़ौसी उधमसिंह की पानी की टंकी का पानी पी लिया तो नाराज होकर उधम ने भैंस पर लाठियां चलाई। इस मामले में पांच लोग गंभीर घायल हो गए थे।
-वर्ष 2016 में धौलपुर में दिहुली थाना क्षेत्र में विशेष मामला सामने आया, इसमें दो चोर दो भैंस लेकरनदी में उतर गए, वहां पानी में डूबने से दोनों चोरों की मौत हो गई तो भैंस तैरकर निकल गई।
-27 जुलाई 2019 को कामां थाने के गांव सुनहरा निवासी ज्ञान सिंह ने दो भैंसों की चोरी का मामला दर्ज कराया। पहले फिरौती मांगी गई लेकिन पुलिस के आने की आशंका देखकर मना कर दिया। हाल में पुलिस ने पाछोल के एक शातिर खूंटैल को गिरफ्तार किया।

-पुलिस भैंस चोरी हो या अन्य कोई भी चोरी का केस, चोरी के प्रत्येक केस में पूरी जांच कर बरामदगी का प्रयास करती है। फिर भी ऐसे केसों को दुबारा से दिखवाया जाएगा।

हैदर अली जैदी
जिला पुलिस अधीक्षक भरतपुर

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