वहीं डीग के पालड़ी गांव में बुजुर्ग व गणमान्य लोगों ने साइबर ठगी के लिए खरीदे गए 300 मोबाइल व सिम को युवाओं और बच्चों से लेकर तोड़ दिए और सभी मोबाइल व सिम को जला दिया। बुजुर्गों ने संदेश दिया कि ठगी करने के नाम पर बदनाम हुए गांव को आदर्श गांव बनाएंगे। एक टीम बनाएंगे, जो गांव के किसी भी युवा या बच्चों की ओर से ठगी करने की जानकारी जुटाएगी और उन्हें सही राह पर लाएगी।
पुलिस की सख्ती से कार्रवाई
इससे पहले एक गांव में साइबर ठगी के विरोध में एकजुट हुए बुजुर्ग व गणमान्य लोगों ने युवाओं से मोबाइल लेकर कुएं में फेंक दिए थे और सभी को ठगी नहीं करने की शपथ दिलाई थी। गौरतलब है कि भरतपुर रेंज आइजी व डीग एसपी के निर्देशन में पुलिस टीम साइबर ठगों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई कर रही है। इसके कारण बड़ी संख्या में ठग जेल पहुंच गए। पुलिस कार्रवाई से बचाने के लिए अब बुजुर्गों ने बच्चों को ठगी से दूर करने की राह चुनी है। यह वीडियो भी देखें जिन गांव के बुजुर्ग व बड़े लोगों ने युवाओं को ठगी करने से दूर करने के लिए अभियान चलाया है। अब इन गांवों में साइबर ठगी करने के मामले बहुत कम हो गए हैं। लोग जागरूक होंगे और बच्चों को साइबर ठगी से दूर करेंगे तो उनका भविष्य भी उज्जवल होगा।
राहुल प्रकाश, आइजी भरतपुर रेंज
राहुल प्रकाश, आइजी भरतपुर रेंज