भरतपुर के नौटंकी कलाकार रामदयाल शर्मा को पद्मश्री अवार्ड
-डीग के गांव सामई खेड़ा के निवासी हैं निवासी
भरतपुर के नौटंकी कलाकार रामदयाल शर्मा को पद्मश्री अवार्ड
भरतपुर . पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित होने वाले डीग क्षेत्र के गांव सामई खेड़ा निवासी रामदयाल शर्मा ने नौटंकी की बारीकियां अपने घर से ही सीखीं। उनके पिता एवं चाचा इस कला में माहिर थे। घर में कलाकारी का माहौल होने के कारण बचपन से ही वह इस कला में पारंगत हो गए।
रामदयाल शर्मा के पिता खूबीराम एवं चाचा पंडित रामस्वरूप शर्मा नौटंकी के मशहूर कलाकार रहे। रामदयाल शर्मा रहशधारी घराना (सामई खेड़ा) से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने वर्ष 1964 में हाईस्कूल की शिक्षा डीग से ग्रहण की। रामदयाल शर्मा का जन्म सामई खेड़ा में हुआ। इसके बाद वह वर्ष 1973 में दिल्ली चले गए और यहां इस विधा को आगे बढ़ाया। रामदयाल शर्मा के साथ नौबत प्रजापति तबले पर संगत करते थे। शर्मा ने बताया कि घर में शुरू से ही माहौल था। ऐसे में जब भी कोई कार्यक्रम होता था तो वह पिताजी और चाचाजी के साथ चले जाते थे। इसके चलते धीरे-धीरे उनकी इस विधा में निखार आता चला गया। आज यह विधा उनके रोम-रोम में समाई हुई है। शर्मा ने बताया कि पिता और चाचा से इस विधा की बारीकियां सीखने के साथ गुरू मनोहर एवं स्वामी रामस्वरूप से इसकी शिक्षा ग्रहण की। शर्मा को संगीत नाटक अकादमी का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है। ऑडियंस ने इन्हें ब्रज कोकिला और ब्रज पपीहा की उपाधि प्रदान की। यह थिएटर रॉयल लंदन और तारा आट्स यूके में बतौर म्यूजिकल थिएटर के एडवाइजर के रूप में सेवाएं दे चुके हैं। इसके अलावा दुनियाभर की कई नामचीन देशों में गेस्ट लेक्चर दे चुके हैं। पिछले कई सालों से नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में बतौर एक्सपर्ट सेवाएं दे रहे हैं। इनके शिष्यों में एक्टर आशीष विद्यार्थी, अनूप सोनी, राजेश जेष्ठ, आदिल हुसैन और जाकिर हुसैन सहित कई नामचीन हस्तियां शामिल है। पंडित रामदयाल शर्मा ने बताया कि मैं म्यूजिक और नौटंकी से जुडे कलाकारों के परिवार से जुड़ा हुआ हूं और बचपन से ही इन कलाओं से जुड़ाव हो गया है। नौटंकी शैली की खूबसूरती को लोगों के सामने लाने का प्रयास कर रहा हूं।
Hindi News / Bharatpur / भरतपुर के नौटंकी कलाकार रामदयाल शर्मा को पद्मश्री अवार्ड