बदनामी के डर दर्ज नहीं करा पाते रिपोर्ट शहर में पिछले कुछ समय समय से किला परिसर, कुम्हेर गेट के अलावा कोचिंग व स्कूलों के आसपास मनचलों के कारण बालिकाओं को परेशानी उठानी पड़ती है। पूर्व में भी इस तरह की वारदात हो चुकी हैं। कुछ माह पूर्व में एक और युवती ने भी हिम्मत दिखाते हुए मनचले की गिरफ्तारी कराई गई थी।
बड़ा सवाल…किस बात का वेतन ले रही महिला स्क्वायड वर्ष 2017 में पूर्ववती सरकार ने उदयपुर पुलिस की तर्ज पर महिला स्क्वायड टीम का गठन किया था। इसमें एक सीआई रैंक की महिला पुलिस अधिकारी प्रभारी होती है, जबकि करीब आठ महिला पुलिसकर्मियों को शामिल किया गया था। इसमें बाइक चलाने वाली महिलाकर्मियों को प्राथमिकता दी गई थी। इसमें मार्शल-आर्ट, बाइक चलाना और हथियार का प्रशिक्षण भी दिलाया गया था। तय किया गया था कि महिला स्क्वायड शहर के प्रमुख सार्वजनिक स्थलों पर गश्त करेगा। यह महिला कॉलेज व स्कूल, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन, प्रमुख बाजार और पर्यटन स्थलों पर नजर रखेगा। इसके अलावा पुलिस कंट्रोल रूम पर महिला अत्याचार या छेड़छाड़ संबंधी शिकायत मिलने पर तुरंत पहुंचकर कार्रवाई करेगा। हकीकत यह है कि यह महिला स्क्वायड दिखाई ही नहीं देती है। इस कारण भी मनचलों पर सख्त कार्रवाई नहीं हो पाती है।