इन नियमों की भी नहीं हुई पालना नगर निगम के सूत्रों की मानें तो निविदा प्रक्रिया में निविदा की शर्त में दो लिफाफों में दर प्रस्तुत की जानी थी, एक लिफाफे में तकनीकी बिड व एक में वित्तीय बिड संवेदक की ओर से प्रेषित तकनीकी व वित्तीय बिड को टेंडर मूल्यांकन समिति की ओर से नहीं खोला गया। संबंधित लिपिक की ओर से ऑनलाइन निविदा खोलकर सचिव स्तर से नेगोशिएशन कार्रवाई कराकर दर प्राप्त की गई। चूंकि एकल निविदा प्राप्त हुई थी। नेगोशिएशन दर प्राप्त करने के बाद एकल निविदा को स्वीकृति के लिए बोर्ड बैठक 10 फरवरी 2020 को प्रस्ताव संख्या 37 पर स्वीकृति के लिए लाया गया। इसमें नगर निगम आयुक्त की ओर से सदन को अवगत कराया गया कि बंदर पकडऩे के कार्य में प्राप्त एकल निविदा पर विचार एवं आवारा पशु पकडऩे के लिए कार्य आदेश पर विचार करने के लिए प्रस्तुत है। इस प्रस्ताव में नेगोशिएशन में प्राप्त दरों को नहीं बताया गया। इसके बाद निर्णय में लिखा गया कि बंदर पकडऩे के कार्य में दरों में नेगोशिएशन लेकर एसओपी कमेटी की ओर से दरों का विश्लेषण कर कार्य आदेश दिए जाने की एवं एकल स्वीकृति प्रदान की जाती है।
आयुक्त: ठेकेदार को देंगे नोटिस, नहीं होगा उसका भुगतान जब इस प्रकरण को लेकर नगर निगम आयुक्त नीलिमा तक्षक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि ठेकेदार को एक नोटिस भेजकर पूछा जाएगा कि उसके पास अगर कोई साक्ष्य है तो प्रस्तुत करें। ताकि अगर मामला न्यायालय में जाता है तो निगम के साक्ष्य होगा। विधिक राय भी ली जाएगी। लेखा शाखा को भी भुगतान रोकने के लिए पत्र लिखा जाएगा। जितने भी अनुभव प्रमाण पत्र कार्यों में लगाए जाते हैं, उनमें अब वर्क ऑर्डर की प्रति लगाना जरूरी होगा। जो भी फर्म निविदा प्रक्रिया में हिस्सा लेगी उससे 50 रुपए का एक स्टांप लिखवा कर लिया जाएगा कि उसकी ओर से लगाए गए सभी दस्तावेज सही है और गलत पाए जाने पर वह स्वयं दोषी होगा।