छह माह पहले ही लगा था जेईएन रिश्वत लेते पकड़ा जेईएन राजेश छह माह पहले ही नौकरी आया है। एसीबी अधिकारी ने बताया कि आरोपी का अभी प्रोबेशन समय ही चल रहा था। उसने प्रदूषण नियंत्रण विभाग में गत जून माह में ही ज्वाइन किया था।
एसीबी की कार्रवाई से भी नहीं सुधरा प्रदूषण मंडल का क्षेत्रीय अधिकारी (भरतपुर) हंसराज कसाना पर एसीबी की कार्रवाई का भी असर नहीं पड़ा। एक दिन पहले हुई कार्रवाई से पहले एसीबी कसाना के खिलाफ जुलाई में कार्रवाई कर चुकी है। एसीबी को उसके भ्रष्टाचार में लिप्त होने के समाचार मिले थे। इस पर जुलाई माह में उसके कार्यालय पर छापा मारा गया था। कार्यालय में 1.60 लाख रुपए मिले। इस पर जयपुर के मालवीय नगर के दुर्गाविहार स्थित उसके स्थाई निवास पर छापा मारा गया। यहां करीब चालीस लाख रुपए नकद मिले। इस पर एसीबी ने कसाना के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति का मामला दर्ज किया। इस मामले के बाद भी कसाना ने भ्रष्टाचार जारी रखा।
मंत्री ने एपीओ कराया, विधायक ने दबाव बनाया करीब एक साल पहले ही आरओ एचआर कसाना को स्टोन क्रशरों के ही एक मामले में संचालकों की ओर से शिकायत करने पर एपीओ कर दिया गया था। उसके बाद एक विधायक की सिफारिश पर उसे यहां उसी पद पर लगाया गया था। हालांकि इसी बीच एक और शिकायत भी मुख्यालय तक पहुंची थी। उस समय सिफारिश के बीच मामले को दबा दिया गया था।
इस तरह हुई परिवादी व रिश्वतखोर जेईएन के बीच बातचीत -रिश्वत के मामले में गिरफ्तार प्रदूषण मंडल भरतपुर के जेईएन ने छह माह पहले ही नौकरी शुरू की थी। उसका परीवीक्षा काल भी भ्रष्टाचार के आरोप में पहले ही घिरे मंडल के आरओ हंसराज कसाना के अधीन रहा। इसी का नतीजा रहा कि वह भी रिश्वत लेने से हिचकता नहीं था। एसीबी की तस्दीक कार्रवाई में जो तथ्य सामने आए उससे स्पष्ट है कि आरोपी को किसी का डर नहीं था। वह खुद परिवादी से अपना हिसाब अलग करने के लिए कहता सुना गया…
जेईएन: मेरे रुपए कहां है? परिवादी: रुपए मैने आरओ साहब को दे दिए। आपके रुपए भी उन्हीं के पास हैं। जेईएन: साहब के पास गया रुपया कोई निकलवा नहीं सकता। मुझे रुपए अलग चाहिए।
परिवादी: ठीक है मैं करता हूं।