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भरतपुर

एक ही ठेकेदार ने दो बार लगाया फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र, मेरठ नगर निगम का फिर इंकार

-मेयर ने सचिव को लिखा ठेकेदार के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराने के लिए पत्र

भरतपुरJul 26, 2020 / 08:12 pm

Meghshyam Parashar

एक ही ठेकेदार ने दो बार लगाया फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र, मेरठ नगर निगम का फिर इंकार

एक ही ठेकेदार ने दो बार लगाया फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र, मेरठ नगर निगम का फिर इंकार

भरतपुर. नगर निगम में जिस ठेकेदार के खिलाफ फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगाकर ठेका लेने का खुलासा हुआ था। उस ठेकेदार ने दूसरी बार भी मेरठ नगर निगम का फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र लगा दिया। अब नगर निगम के मेयर अभिजीत कुमार की ओर से 17 जुलाई को ठेकेदार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराने व कानूनी कार्रवाई के लिए सचिव को पत्र लिखा गया। हालांकि पत्र लिखने के नौ दिन बाद भी कानूनी कार्रवाई नहीं हो सकी है। हालांकि पड़ताल करने पर यह भी सामने आया है कि 13 जुलाई को आयुक्त ने एक वर्ष के लिए उक्त ठेकेदार को नगर निगम की निविदा प्रक्रिया भाग लेने के लिए वंचित कर दिया है।
जानकारी के अनुसार बंदर पकडऩे का कार्य कराने के लिए नौ जनवरी 2020 को निविदा जारी की गई। इसमें 20 लाख रुपए की लागत से शहर के अंदर बंदरों को पकडऩे का कार्य कराना तय किया गया था। इस टेंडर की प्रमुख शर्त में बंदर पकडऩे का दो वर्ष का अनुभव अनिवार्य था। ऑनलाइन आमंत्रित निविदा में फर्म एनएस सर्विस की ओर से अपनी बोली प्रेषित की गई। इसके साथ एक वर्ष का अनुभव हिमांशु चौधरी के नाम से मेरठ नगर निगम का बताया गया। जो कि मेरठ नगर निगम के नाम से जारी अनुभव प्रमाण पत्र में 2016-17 में कार्य करना बताया गया। यह प्रमाण पत्र 12 जनवरी 2018 को जारी करना बताया गया। इसके साथ कार्य आदेश संलग्र नहीं था। नियम यह है कि अनुभव प्रमण पत्र के साथ ही कार्य आदेश संलग्न करना होता है। उक्त कार्य की निविदा 24 जनवरी 2020 को खोली गई। निविदा खोलने के समय तकनीकी व वित्तीय बिड न खोलते हुए सीधे टेंडर ही खोला गया। टेंडर खोलते समय उक्त दस्तावेज नगर निगम को प्राप्त हुआ। उस समय इन दस्तावेजों का सत्यापन भी नहीं किया गया। प्रभारी अधिकारी नगर निगम की ओर से संवेदक की प्राप्त दर 798 रुपए मिलने पर नेगोशिएशन पत्र तीन फरवरी 2020 को संवेदक को दिया गया। इसमें दर अधिक होना बताया गया। इस पर एनएस सर्विस की ओर से 48 रुपए की दर कम करते हुए 750 रुपए दर पर सहमति व्यक्त की गई। इस पर नगर निगम के सचिव की ओर से दो मार्च 2020 को 750 रुपए प्रति बंदर की दर से कार्य आदेश 20 लाख रुपए का जारी किया गया। जून में अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी निकलने के बाद मेयर की टिप्पणी के बाद आयुक्त ने ठेकेदार को नोटिस जारी किया। इसके बाद अब फिर से एक और प्रमाण पत्र लगाया गया है, जो कि जांच में फर्जी निकला है।
मेयर ने नगर निगम के सचिव को पत्र में यह लिखा…

नगर निगम के सचिव रविंद्र सिंह को मेयर ने 17 जुलाई को पत्र लिखा। इसमें कहा है कि नगर निगम क्षेत्र से बंदरों को पकड़ कर शहर से बाहर छोड़े जाने से संबंधित पत्रावली एवं उसमें संलग्न दस्तावेजों का गहनता से अध्ययन करने के बाद संज्ञान में विभिन्न अनियमितताएं व शिथिलताएं सामने आई। इसके बाद 16 जून को मूल पत्रावली पर टिप्पणी अंकित की गई, उसके बाद जांच कर दोषी अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई कर संबंधित फर्म एनएस सर्विसेज के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए छह जुलाई को पत्रावली भिजवाई गई, लेकिन अभी तक कोई भी अपेक्षित कानूनी कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। संवेदक की ओर से दुबारा नगर निगम मेरठ उत्तरप्रदेश का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया, इसकी भी जांच कराने पर ऐसा कोई भी प्रमाण पत्र वहां से जारी नहीं होना बताया गया है। नगर निगम मेरठ की ओर से हिमांशु चौधरी भरतपुर को कोई भी प्रमाण पत्र 18 जून व अन्य किसी भी तारीख को जारी नहीं किया गया है। इस संबंध में हिमांशु चौधरी के संबंध में फर्जी अभिलेख उपलब्ध कराए जाने के संबंध में कानूनी कार्रवाई निगम स्तर पर की जानी है, बार-बार लिखित में भेजने के बाद भी कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है।
आयुक्त ने 13 जुलाई के आदेश में यह की कार्रवाई

नगर निगम आयुक्त नीलिमा तक्षक से इस प्रकरण में जानना चाहा तो उन्होंने एक आदेश प्रेषित किया। इसमें लिखा है कि संवेदक मैसर्स एनएस सर्विस भरतपुर को नगर निगम की ओर से निगम क्षेत्र से बंदरों को पकड़ कर निर्धारित स्थान चंबल के बीहड़ डांग क्षेत्र, रुदावल, गोवर्धन आदि में छोडऩे का कार्य आदेश दो मार्च 2020 को दिया गया था। संवेदक की ओर से निविदा की शर्त के अनुरूप कार्य का जो अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। वह संदिग्ध पाया गया है जो संवेदक के कार्य के प्रति उदासीनता एवं लापरवाही को दर्शाता है। संवेदक के उक्त कार्य से नगर निगम कोष को भी हानि हुई है। संवेदक को उक्त कार्य के मद्दे जमा दो प्रतिशत अमानत राशि एवं सुरक्षा राशि को जब्त करते हुए संवेदक का आगामी एक वर्ष तक की नगर निगम की निविदा प्रक्रिया में भाग लेने के लिए वंचित किया जाता है।
-नगर निगम प्रशासन को बार-बार पत्र लिखा जा चुका है। ठेकेदार के खिलाफ दूसरी बार अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी निकलने पर भी प्राथमिकी दर्ज नहीं कराई गई है। इस बारे में 17 जुलाई को ही सचिव को पत्र लिखा जा चुका है।
अभिजीत कुमार
मेयर नगर निगम
-बंदर पकडऩे के ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई के लिए आयुक्त ही अधिकृत है। कोरोना संक्रमित निकलने के कारण वो छुट्टी पर है। कार्यवाहक आयुक्त एक्सईन हैं।
रविंद्र सिंह चौधरी
सचिव नगर निगम

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