भरतपुर

Keoladeo National Park: सरकार के नए नियम से पर्यटकों को लगा झटका, 2 घंटे के लिए देने होंगे इतने रुपए

पर्यटन सीजन के आगाज के साथ ही केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान में परिंदों की रंगीन दुनिया को निहारने देशी-विदेशी पर्यटक पहुंचने लगे हैं

भरतपुरOct 23, 2023 / 12:06 pm

Rakesh Mishra

भरतपुर। पर्यटन सीजन के आगाज के साथ ही केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान में परिंदों की रंगीन दुनिया को निहारने देशी-विदेशी पर्यटक पहुंचने लगे हैं, लेकिन नेचर गाइड की अनिवार्यता पर्यटकों की जेब ढीली करती नजर आ रही है। ई-रिक्शा में सवार होकर अब स्थानीय पर्यटकों को घना राष्ट्रीय उद्यान का लुत्फ उठाना मंहगा साबित हो रहा है। इससे भविष्य में पर्यटकों का घना उद्यान भ्रमण से मोह भंग होने की आशंका है।
यह भी पढ़ें

Rajasthan Election 2023: भाजपा-कांग्रेस का खेल बिगाड़ने उतरे AIMIM चीफ ओवैसी, किया ऐसा बड़ा दावा

जानकारी के अनुसार 5 अक्टूबर को प्रदेश सरकार की ओर से जारी किए गए फरमान से पर्यटकों को करंट का सा झटका लगा है। सरकार ने एक आदेश जारी कर नया नियम लागू कर दिया है कि यदि कोई पर्यटक ई-रिक्शा में सवार होकर घना राष्ट्रीय उद्यान का भ्रमण करता है तो उसे अपने साथ नेचर गाइड लेना अनिवार्य होगा। घना उद्यान प्रशासन ने सरकार के नए नियम की पालना सुनिश्चित करने के लिए यहां 90 ई-रिक्शा का रजिस्ट्रेशन किया है। पर्यटक यदि ई-रिक्शा की सवारी करना चाहता है तो उसे 2 घंटे के एवज में 800 रुपए का भुगतान करना होता है। एक ई-रिक्शा में अधिकतम 4 सवारी ही सवार हो सकती हैं।
यह भी पढ़ें

Rajasthan Election 2023: पिछले चुनाव में निर्दलियों ने बिगाड़ा जीत का गणित, 5 सीटों पर कर दिया था ऐसा खेल

साथ ही ई-रिक्शा में घना भ्रमण करने वाले को नेचर गाइड की अनिवार्यता के चलते उसे 2 घंटे के 800 रुपए भुगतान करना होगा। इस प्रकार ई-रिक्शा में बैठकर 2 घंटे भ्रमण करने पर पर्यटक को कम से कम ई-रिक्शा एवं नेचर गाइड के 1600 रुपए तो देने ही होंगे। खास बात यह है कि ई-रिक्शा पर्यटकों को कम से कम दो घंटे के लिए लेना ही होगा। इसके अलावा पर्यटक को टिकट भी खरीदना अनिवार्य है। यही वजह है कि सरकार के नए नियम से जहां एक ओर नेचर गाइड की बल्ले-बल्ले होने लगी है। वहीं पर्यटकों की जेब ढीली हो रही है।
कम नहीं हो रहीं पर्यटकों की परेशानी

कुछ पर्यटक दो घंटे से अधिक या कई दिनों तक घना भ्रमण करने के इच्छुक होते हैं और वे नेचर गाइड की जरूरत महसूस नहीं करते, लेकिन इसके बाद भी उन्हें जितने घंटे या दिन ई-रिक्शा में सवार होकर भ्रमण करते हैं, उतने ही समय के हिसाब से उन्हें नेचर गाइड को भी पैसों का भुगतान करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं कुछ पर्यटक ई-रिक्शा में सवार होकर घना तो घूमना चाहते हैं, लेकिन वे नेचर गाइड की सेवा लेना नहीं चाहते। इसके बाद भी उन्हें मजबूरन नेचर गाइड साथ लेना पड़ रहा है। इस तरह से सरकार के नए नियमों की वजह से पर्यटकों की परेशानी खासी बढ़ गई है। उन्हें न केवल आर्थिक रूप से झटका लग रहा है, अपितु उनकी प्राइवेसी भी भंग हो रही है, क्योंकि नेचर गाइड उनके साथ ई-रिक्शा में सवार होकर चलने की जिद पर अड़े होते हैं।

डीएफओ का अपना तर्क
सरकार ने 5 अक्टूबर को ही आदेश जारी किए हैं कि किसी वाहन में सवार होकर घना भ्रमण करने वाले पर्यटक को नेचर गाइड साथ लेना अनिवार्य है। उन्हीं नियमों की पालना में घना में पर्यटकों को नेचर गाइड उपलब्ध कराया जा रहा है। यह सही बात है कि इस नियम के चलते खासकर स्थानीय पर्यटकों को परेशानी हो रही है। उन्हें मजबूरन नेचर गाइड साथ लेना पड़ रहा है और भुगतान भी करना पड़ रहा है। हमने इस बात को गौर किया है और इस संबंध में उच्च अधिकारियों और सरकार को लिखा है। ताकि नेचर गाइड की अनिवार्यता खत्म हो या उनके मेहनताना शुल्क में कोई कमी की जा सके।
– मानस सिंह डीएफओ, केवलादेव राष्ट्रीय पक्षी उद्यान
मैं परिवार के साथ घना घूमने आया हूं। पांच लोगों की टिकट ली। इसके बाद बताया कि ई-रिक्शा के 800 रुपए लगेंगे। साथ ही नेचर गाइड भी लेना होगा। उसके 800 रुपए अलग देने होंगे। कुल मिलाकर चार जनों को 1600 रुपए चुकाने पड़ रहे हैं। यह पर्यटकों के साथ अन्याय है।
– अनुज कुमार, निवासी मैनपुरी उत्तरप्रदेश

Hindi News / Bharatpur / Keoladeo National Park: सरकार के नए नियम से पर्यटकों को लगा झटका, 2 घंटे के लिए देने होंगे इतने रुपए

Copyright © 2025 Patrika Group. All Rights Reserved.