जानकारी के मुताबिक प्रदेश में सरकार बदलने के साथ ही रोडवेज की कुल 2800 बसों में से 2000 बसों में प्रथम चरण में वीटीएस लगाने के आदेश जारी हुए थे। इसका मकसद यह है कि वीटीएस लगी सभी गाडिय़ां ऑनलाइन एप से जुड़ जाएं और यात्री भी आसानी से गाड़ी की लाइव लोकेशन देख पाएं। साथ ही एप के जरिए निगम के अधिकारी भी बस की मॉनिटरिंग कर सकें। आदेश के अनुसार अप्रेल माह के अंत तक सभी बसों को वीटीएस से जोडऩा तय था। विभाग की ओर से यह काम तेज गति से किया जा रहा है। भरतपुर जिले में रोडवेज की कुल 135 बसें हैं, इनमें से 82 बसों में वीटीएस एवं पेनिक बटल लग चुका है। यानी भरतपुर डिपो की 56 बसों में से 33 बसों में तथा लोहागढ़ डिपो की 79 बसों में से 49 बसों में वीटीएस एवं पेनिक बटन लग चुका है। शेष बसों को भी जल्द ही वीटीएस सिस्टम से जोड़ा जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक जल्द ही अगले माह 15 मई तक भरतपुर डिपो के लिए नई 20 बसें आएंगी। नई बसें आने से जो रूट बंद पड़े हैं, उन भी बस चलाई जा सकेंगी। बता दें बसों की कमी के चलते लंबे समय से कई रूट बंद पड़े हैं। नई बसें आने से यात्रियों को बस की और भी बेहतर सुविधा मिल सकेगी। मुख्यालय की ओर से रोडवेज बसों में वीटीएस एवं पेनिक बटन लगवाया जा रहा है। इससे यात्रियों को खासा लाभ मिलेगा। अब तक भरतपुर डिपो की 33 एवं लोहागढ़ डिपो की 49 बसों में वीटीएस एवं पेनिक बटल लग चुका है, शेष में जल्द ही ये सिस्टम लग जाएगा। वहीं अगले माह भरतपुर को नई 20 बसें मिलने की संभावना है, जिससे बंद रूटों पर भी बसों का संचालन शुरू किया जा सकेगा। शक्ति सिंह नागर, मुख्य प्रबंधक भरतपुर, आगार