प्राचीन समय में बहता था झरना मंदिर को भरतपुर के राजाओं ने बनवाया था। मन्दिर के सामने बने रवि कुंड को 12 अप्रेल 1924 को पूर्व महाराजा बृजेंद्र सिंह के जन्मदिन के उपलक्ष्य में बनवाया गया। इस कुण्ड के निर्माण को लेकर एक बीजक मन्दिर में लगा है इसमें रवि कुंड अमृत झरना के निर्माण को स्पष्ट किया है। मन्दिर महंत पं. बृजकिशोर ने बताया कि गऊ घाट से प्राचीन समय में झरना बहता था। उसे अमृत झरना कहते थे। रजवाड़े का समय था उस समय भरतपुर के पूर्व राजपरिवार ने कुंड का निर्माण कराया था। उन्होंने बताया कि यह राजपरिवार की ही संपत्ति रही है। उन्होंने ही निर्माण कराकर देवस्थान विभाग को सुपुर्द किया था। आज भी यह परिवार किसी भी काम को करने से पहले माता की पूजा कराते हैं। अब हाल में देवस्थान विभाग मन्दिर की देखरेख करता है।