ऐसे जानिये पूरी कहानी कामां थाने के गांव भूडाका निवासी भोता देवी के पति प्रहलाद गुर्जर का निधन 2014 में हो गया था। पति की मौत के बाद से भोता देवी अपने भाई के साले पहाड़ी थाने के गांव भैंसेड़ा निवासी भूपेंद्र पुत्र अमर सिंह से प्रेम करती थी। भोता अपने प्रेमी भूपेंद्र को चोरी छिपे अपने घर बुलाया करती थी। मृतका के जेठ घनश्याम गुर्जर का घर उसके सामने ही था। घनश्याम जब भूपेंद्र गुर्जर को भोता के घर आता जाता देखता तो वह भूपेंद्र को टोकता था और अपने छोटे भाई की पत्नी भोता पर निगरानी रखता था। इससे परेशान होकर भोता देवी ने भूपेंद्र के साथ षड्यंत्र रचकर अपने ही जेठ घनश्याम गुर्जर की 11 जुलाई 2023 को धारदार हथियार से हत्या करा दी। तत्कालीन सीओ प्रदीप यादव ने मामले की जांच की और हत्या में शामिल भोता देवी गुर्जर व भूपेन्द्र गुर्जर को 17 जुलाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। तीन महीने जेल में रहने के बाद भोता देवी गुर्जर की जमानत हो गई थी, लेकिन भूपेन्द्र गुर्जर अभी जेल में है।
ननिहाल में था मृतका का इकलौता पुत्र, इसलिए बची उसकी जान गांव भूडाका में बदले की भावना से हुए इस डबल मर्डर में मृतका भोता देवी का इकलौता पुत्र 12 वर्षीय मोहित गुर्जर अपने ननिहाल पाण्डेका में गया हुआ था। अगर वह मां के पास होता था तो शायद उसको भी आरोपी नही छोड़ते।